10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी मिनिस्ट्री), सीबीएसई और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा है। पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। नाराज छात्रों का कहना है कि वो दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं।
जानकारी के मुताबिक सभी परीक्षा केंद्रों पर पेपर तीन वर्जन्स में नहीं बल्कि केवल एक प्रश्नपत्र ही भेजे गए थे, जिसकी वहज से पेपर लीक करना आसान हो गया। बता दें कि सीबीएसई को फुलप्रूफ सिस्टम माना जाता है लेकिन इस वाकये के बाद सीबीएसई पर अपनी परीक्षा प्रणाली में दोबारा विचार किए जाने का दबाव बढ़ रहा है। पेपर लीक मामले में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने 10 वाट्सऐप ग्रुप की पहचान की है। इस खुलासे के बाद कार्रवाई करते हुए रविवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि पेपर लीक होने के बाद बोर्ड ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि वो 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा कराएगा। 12 (अर्थशास्त्र) का पेपर 25 अप्रैल को होगा लेकिन अभी दसवीं (गणित) की परीक्षा की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि इस मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सीबीएसई, दिल्ली पुलिस और मानव संसाधन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। दायर याचिका में कहा गया है कि 10वीं का पेपर पहले करवाया जाए और कोर्ट पेपर लीक की जांच पर नजर बनाए रखे। मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बोर्ड परीक्षा से पहले लीक हुए पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए तैयार हैं और आज दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई भी हुई। हाईकोर्ट में दायर याचिका में जहां पूरी जांच को अपनी देख-रेख में कराने की अपील की गई है तो वहीं सुप्रील कोर्ट से अपील की गई है कि वह जांच पूरी होने तक लीक हुए पेपर की दोबारा परीक्षा होने पर रोक लगा दे। सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करेगा।