18 साल की प्रियंका क्लास में बैठकर 12वीं का इम्तेहान दे रही थी. आधा पेपर हल भी कर लिया था, तभी अचानक उसे कए ( वाम्टिंग) हुई और आधा घंटे में ही उसकी मौत हो गई. ऐसा प्रियंका के साथ क्या हुआ कि अच्छी-खासी पेपर देने गई और इम्तेहान के दौरान ही उसकी मौत हो गई, हालांकि उसके वालिद का कहना है कि वह बीमार थी.
प्रियंका पीर की सुबह 8 बजे घर से एक्जाम सेंटर,शिवाजी नगर के लिए निकली. वह कामर्स की तालिबा थी और 12वीं क्लास में थी. वह चांदबड़ के एमएम स्कूल की तालिब ए इल्म थी.वह सरोजनी नायडू हायर सेकेंडरी स्कूल, शिवाजी नगर में प्राइवेट तालिबा के तौर पर पेपर दे रही थी. पीर के रोज़ इसका बिजनेस स्टडी का पेपर था. पेपर सुबह 8.30 बजे शुरू हुआ. 9.30 बजे तक सब ठीक रहा लेकिन तभी अचानक उसे उल्टी हो गई.
उसी क्लास में उनके पड़ोस का एक लड़का भी पेपर दे रहा था. लड़के ने कहा कि इसकी तबीयत खराब रहती है, वह उसे जानता है. प्रियंका को फौरन क्लास से बाहर लाया गया और स्कूल में ही बने कंट्रोल रूम में उसे इलेक्ट्रॉल पाउडर दिया गया. वह बार-बार बेहोश हो रही थी.
ऐसे में स्कूल के इंतेज़ामिया ने फौरन लड़की के वालिद को फोन लगाया, प्रियंका को अस्पताल ले जाने की तैयारी की. इत्तेला के 10 मिनट बाद ही प्रियंका के वालिद मुन्नालाल स्कूल पहुंच गए. प्रियंका को जेपी अस्पताल में शरीक कराया. वहां अस्पताल के इंज़ामिया ने प्रियंका को मुर्दा ऐलान कर दिया.
प्रियंका का खानदान चांदबड़ में रहता है और उसके वालिद मुन्नालाल, चौक बाजार में भंडारी ज्वैलर्स पर काम करते हैं. वालिद का कहना है कि वह 6 महीने से बीमार थी. पहले उसे टाइफाइड हुआ और बाद में पीलिया हो गया. बरखेड़ी के रुक्मा बाई अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. इसी वजह से उसकी मौत हुई हाेगी.
प्रियंका की मौत पर स्कूल में हंगामा मच गया. इम्तेहान के दौरान हुई इस मौत इंतेज़ामिया को भी सकते में डाल दिया. मौके पर ज़िला तालीम आफीसर , बोर्ड आफ सेकेंडरी एजूकेशन के सेक्रेटरी, एसडीएम और हबीबगंज थाने के टीआई पहुंच गए. सभी को लगा कि कहीं पेपर के टेंशन से स्टूडेंट की मौत तो नहीं हो गई. बाद में जब प्रियंका के वालिद ने कहा कि वह बीमार रहती थी, तब जाकर इंतेज़ामिया के ओहदेदारों को चैन आया.