पेशावराना कोर्सस में दाख़िले के मुआमले को इल्तवा में रखने का मश्वरा

कांग्रेस के डिप्टी फ़्लोर लीडर कौंसिल मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि आंध्र प्रदेश कौंसिल फ़ॉर पार्टीज़ एजूकेशन ने इंजीनियरिंग कौंसलिंग का आलामीया जारी करते हुए उजलत का मुज़ाहरा किया, जब कि तेलंगाना के वज़ीरे ताअलीम जगदीश्वर रेड्डी ने कौंसलिंग में शिरकत ना करने तेलंगाना तलबा से अपील की है।

आज सी एल पी ऑफ़िस असेंबली में प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि दोनों हुकूमतों के फ़ैसले ग़लत हैं, जिस से तलबा का मुस्तक़बिल दॉव पर लगा हुआ है और उन के वालिदैन और सरपरस्त परेशान हैं, क्योंकि उन में ये ख़ौफ़ पैदा हो गया है कि अगर तेलंगाना के तलबा कौंसलिंग में शरीक ना हुए तो वो दाख़िलों से महरूम हो सकते हैं, जब कि वज़ीरे ताअलीम ने साल ज़ाए होने से बचाने के लिए किसी हिक्मते अमली की वज़ाहत भी नहीं की।

उन्हों ने कहा कि इक़्तेदार हासिल होकर 60 दिन मुकम्मल हो चुके हैं, ताहम दोनों चीफ़ मिनिस्टर्स एक दूसरे की सूरत देखने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हों ने कहा कि अगर मुलाक़ात नहीं करते तो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसला तक दाख़िलों के अमल को मुल्तवी कर दिया जाए और लोकल (मुक़ामी) के लिए 1956 को जो बुनियाद बनाया गया है, इस पर कांग्रेस पार्टी जायज़ा लेने के बाद अपने रद्दे अमल का इज़हार करेगी।