पाकिस्तान के सूबा ख़ैबर पुख़्तून ख़ाह में आज तारीख़ी चर्च में दो ख़ुदकुश बम धमाके हुए जिस में तक़रीबन 78 अफ़राद हलाक और 80 से ज़ाइद ज़ख़मी होगए।
मरनेवलों में ख़वातीन और बच्चे भी शामिल हैं । ये धमाका उस वक़्त हुआ जब कि चर्च अवाम से खचाखच भरा हुआ था। कमिशनर पेशावर साहिबज़ादा मुहम्मद अनीस ने बताया कि बमबारों ने यहां इबादत के लिए आने वालों को निशाना बनाया।
ये मुल्क के तारीख़ी गिरजाघरों में एक है और इतवार के दिन दुआइया इजतेमा के लिए ईसाईयों की कसीर तादाद यहां जमा थी। अनीस ने कहा कि जिस वक़्त ये धमाका हुआ चर्च में तक़रीबन 600 ता 700 अफ़राद मौजूद थे।
धमाके की शिद्दत से आस पास की इमारतों को भी नुक़्सान पहुंचा। जीओ न्यूज़ ने ख़ुदकुश धमाकों में 70 अफ़राद हलाक होने की इत्तेला दी। बम डिस्पोजल स्क्वाड के ए आई जी शफ़ाक़त ने 45 अफ़राद की हलाकत और 80 ज़ख़मी होने की तौसीक़ की।
उन्होंने बताया कि चर्च के अहाते में दो ख़ुदकुश बमबारों ने ख़ुद को धमाके से उड़ा लिया। मरनेवालों में चार बच्चे और एक पुलिस ओहदेदार भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि ज़ख़मीयों को शहर के लेडी रीडिंग हॉस्पिटल में शरीक किया गया है। ये चर्च इंतेहाई ग़नजान आबादी वाले इलाके में वाक़्ये है और यहां हमेशा अवाम का अज़धाम हुआ करता है।
इस के अलावा ये इलाक़ा तिजारती मराकज़ से भी घिरा हुआ है और यहां आम तौर पर अवाम खसकर ख़वातीन की कसीर तादाद हुआ करती है।
इस इलाके में ईसाई फ़िरक़े की अक्सरीयत है और वो कसीर तादाद में संडे सरविस के लिए चर्च जाते हैं। किसी भी ग्रुप ने इस हमले की ज़िम्मेदारी कुबूल नहीं की है लेकिन इंतिहापसंद आम तौर पर इस तरह के हमले किया करते हैं और वो मुल्क के अकलियती फ़िरक़ों ईसाईयों को इस से पहले भी हमलों का निशाना बना चुके हैं।
इस दौरान वज़ीर-ए-आज़म नवाज़ शरीफ़ ने हमले की मज़म्मत करते हुए कहा कि दहश्तगरदों का कोई मज़हब नहीं होता और वो बेक़सूर अवाम को निशाना बनारहे हैं जो इस्लामी तालीमात और दुसरे मज़ाहिब की तालीमात से नावाकिफ है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की दहश्तगर्द कार्यवाहीयां और ज़ालिमाना हरकतों से दहश्तगरदों के ग़ैर इंसानी ज़हन और उनके मज़ालिम का इज़हार होता है।
वज़ीर-ए-आज़म ने अकलियती फ़िरक़े के साथ इज़हार यगानगत करते हुए कहा कि वो मरनेवालों के विरसा से ताज़ियत और ज़ख़मीयों की जल्द सेहतयाबी के लिए नेक तमनावं के ख़ाहां हैं । उन्होंने इस वाक़िये पर इंतिहाई दुख का इज़हार किया।