नई दिल्ली – पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर ने एक इवेंट पर इस्लाम धर्म के आखरी पैगम्बर मुहम्मद साहब की तालीम को इंसानी बराबरी के लिहाज़ से बेहतरीन बताया .
उन्होंने कहा कि मुहमम्द साहब ने सैकड़ो साल पहले ही इंसानी बराबरी कायम करने की कामयाब कोशिश की थी आज अरबो में नस्ली आधार पर कोई विवाद नही है
ये बातें जस्टिस सच्चर ने इस्लाम और मॉडर्न ऐज नाम के सिम्पोजियम में कही जिसको कि मौलाना आजाद आइडियल एजुकेशनल ट्रस्ट ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेस्ट हाउस में आयोजित किया था
उन्होंने अपनी स्पीच में प्रोफेट मुहम्मद के आखिर खुतबे का ज़िक्र किया और कहा कि प्रोफेट मुहमम्द कहते है ना ही गैर अरब अरब नस्ल से बेहतर है और ना ही अरब गैर अरब से बेहतर है ,ये इंसानी बराबरी के हिसाब से खुबसूरत और महान सन्देश था .
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने नस्ली भेदभाव खत्म करने के उदहारण प्रस्तुत किया लेकिन प्रोफेट मुहम्मद ने ये सातवी शताब्दी में कर दिखाया था