पैट्रोल की क़ीमत में इज़ाफ़ा से इफ़रात-ए-ज़र की शरह मुतास्सिर

नई दिल्ली 5 नवंबर ( पी टी आई ) वज़ीर फ़ीनानस मिस्टर परनब मुकर्जी ने आज कहा कि पैट्रोल क़ीमतों में कल किए गए इज़ाफ़ा के नतीजा में इफ़रात-ए-ज़र की शरह पर कुछ असरात मुरत्तिब होंगे ।

पहले ही इफ़रात-ए-ज़र की शरहें दो हिन्दसों तक पहूंच गई हैं। अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए मिस्टर मुकर्जी ने कहा कि यक़ीनी तौर पर इस इज़ाफ़ा के इफ़रात-ए-ज़र की शरहों पर कुछ असरात मुरत्तिब होंगे ताहम तेल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा होरहा है और पैट्रोल की क़ीमतों को हुकूमत अपने कंट्रोल से आज़ाद कर चुकी है ।

तेल कंपनीयों ने कल पैट्रोल की क़ीमत में फ़ी लीटर 1.80 रुपय का इज़ाफ़ा किया था और कहा था कि ख़ाम तेल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा और रुपय की क़दर में कमी की वजह से ये इज़ाफ़ा नागुज़ीर होगया है ।

इस सवाल पर कि आया हुकूमत की हलीफ़ जमातों को इस इज़ाफ़ा से ला इलम क्यों रखा गया है मिस्टर मुकर्जी ने कहा कि हुकूमत में कोई भी इस से वाक़िफ़ नहीं था क्योंकि पैट्रोल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा तेल कंपनीयों ने किया है हुकूमत ने नहीं ।

पैट्रोल क़ीमतों पर हुकूमत का कंट्रोल नहीं है डीज़ल की क़ीमतों पर हुकूमत का कंट्रोल ही।परनब मुकर्जी ने कहाकि हिंदूस्तान के तमाम अवाम की इजतिमाई तरक़्क़ी उस वक़्त तक नामुमकिन है जब तक कि कुरप्शन और हुक्मरानी के मसाइल की यकसूई नहीं की जाती। अवामी शिकायात की यकसूई ना होने और कुरप्शन का इंसिदाद ना होने से ग़रीबों पर ग़ैर मतनासत असर मुरत्तिब होता है।

और तरक़्क़ी के समरात से तमाम हिंदूस्तानी अवाम को फ़वाइद हासिल नहीं होती। मर्कज़ी वज़ीर फ़ीनानस

वुज़राए आला की चोटी कान्फ़्रैंस से ख़िताब कर रहे थे जिस का एहतिमाम रिसाला इंडिया टूडे ने किया था।