पैनम ने इजाजत से ज्यादा की कोयले की कानकनी

रांची 20 मई : अमड़ापाड़ा (पाकुड़) वाक़ेय पैनम कोल माइंस लिमिटेड ने सरकारी हुक्म को ठेंगा दिखाते हुए मुक़रार मिक्दार से ज्यादा कोयले की कानकनी की। उसके खिलाफ झारखंड आलूदगी कण्ट्रोल बोर्ड के दुमका वाक़ेय मुकामी ओहदेदार एसएस होदा की कोर्ट में की गई शिकायत की बुन्याद पर अमड़ापाड़ा थाने में एक नवंबर 2012 को सनाह दर्ज की गई। इसमें मैनेजर रंजीत कुमार उर्फ राजेश राय और एजेंट तरुण कुमार घोष और पैनम इंतेजामिया को नामजद किया गया था। सनाह के बाद अब तक की गई पुलिस कार्रवाई सवालों के घेरे में है।

मामले में पाकुड़ के एसडीपीओ दिनेश रजक ने तहकीक की तरफ से रिपोर्ट देने से पहले ही सुपरविजन रिपोर्ट दे दी। रजक ने आलूदगी बोर्ड के इलाकाई ओहदेदार होदा की शिकायत पर तब्सिरह करते हुए कहा है कि इनके तरफ से मुलजिमान के खिलाफ न तो कोई ठोस साबुत फराहम नहीं कराया गया है, न ही कोई जांच रिपोर्ट दी गई। इस वजह से मुलजिमान के खिलाफ मुलजिम के नुक्ता पर फैसला नहीं लिया जा सकता। बड़ा सवाल यह कि क्या शिकायत जब पुलिस को साबुत मुहैया कराएगा, तब वह कार्रवाई करेगी?

काबिले ज़िक्र है कि आलूदगी बोर्ड के सेक्रेटरी के हुक्म के बाद इलाकाई ओहदेदार एसएस होदा ने 09 अक्टूबर 2012 को पाकुड़ के चीफ जुडीसीअल मजिसटेट की अदालत में पैनम के खिलाफ परिवाद दायर किया था। इसमें पैनम पर जंगल और महोलियात वजीर के हुक्म के खिलाफ वर्जी का इलज़ाम लगाते हुए पैनम के मैनेजर रंजीत कुमार उर्फ राजेश राय और एजेंट तरुण कुमार घोष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का दरख्वास्त किया गया था। इसी बुन्याद पर कोर्ट के हुक्म से अमड़ापाड़ा थाने में पैनम इंतेजामिया, मैनेजर रंजीत कुमार उर्फ राजेश राय और एजेंट तरुण कुमार घोष के खिलाफ सनाह (कांड तादाद 70/12) दर्ज की गई थी।

अदालत को होदा ने बताया था कि जंगल और महोलियात वजारत की इजाज़त के तहत पैनम को एक साल में सात मिलियन टन (70 लाख टन) कोयले का ही खनन करना है, जबकि उसने 2011-12 में 82 लाख 78 हजार 470 टन कोयले का खनन किया।