पैलेट गन हमले में आंख गवाने वाली कश्मीर की इंशा मुश्ताक ने बोर्ड एग्जाम में किया पास, हो रही है तारीफ

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के पैलेट गन के हमले से 14 साल की उम्र में अपनी आंखें गंवाने वाली इंशा मुश्ताक ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। ये इंशा कीमेहनत का नतीजा ही है कि जम्मू कश्मीर बोर्ड के तहत दसवीं की परीक्षा में वह पास हो गई हैं।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर बोर्ड के दसवीं के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए जिसमें कश्मीर को शोपियां जिले के एक सुदूर गांव की रहने वाली इंशा ने 43 हजार छात्र के साथ यह परीक्षा उत्तीर्ण की।

इंशा 2016 में प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों के पैलेट गन का शिकार हो गई थीं। इंशा उस वक्त अपने घर की खिड़की से प्रदर्शनकारियों को देख रही थी तभी पैलेट गन की फायरिंग ने उनकी आंखों को हमेशा के लिए खराब कर दिया।

पैलेट की वजह से इंशा की आंखों का रेटिना और ऑप्टिक नर्व नष्ट हो गया था। इसके बाद राज्य के टॉप आइ केयर अस्पताल में इलाज के बाद भी उनकी आंखें ठीक नहीं हो पाईं।

इंशा ने अपने गृह नगर शोपियां के प्राइवेट स्कूल में नवंबर 2017 में बोर्ड परीक्षा दी थी। उसने बताया कि परीक्षा के दौरान उसने बाहरी सहायक लेखक के तौर पर अपनी दोस्त निना का सहयोग लिया था। इसके अलावा उसे आधा घंटा अधिक समय भी दिया गया था।

इंशा ने परीक्षा की तैयारियों के बारे में बताया, “हर दिन मेरे घर तीन ट्यूटर आते थे। वे मुझे टेक्स्ट बुक पढ़कर सुनाते थे। मैं उसे अगले दिन दोहराती थी।” इंशा बताती हैं कि चूंकि वह गणित विषय में ऐसा नहीं कर सकती थी इसलिए गणित की जगह संगीत विषय का चुनाव किया। उन्होंने कहा, “मैं अभी भी ब्राइल लिपि सीख रही हूं।”

इंशा ने पांच विषयों में 6 से 8 जीपीए के बीच ग्रेड प्राप्त किए हैं। हालांकि, इंशा कहती है, “मैं अपने परीक्षा परिणाम से खुश हूं।” बता दें कि जम्मू-कश्मीर स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने मंगलवार को ही परीक्षा परिणाम जारी किए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इंशा को बधाई दी है और लिखा है कि साल 2016 में सुरक्षाबलों के पेलेट गन का शिकार होने और आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद इंशा ने न केवल हिम्मत का परिचय दिया है बल्कि 10वीं की बोर्ड इम्तिहान पास कर मिसाल पेश की है।