इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के निशाने पर राजस्थान में चलने वाली ट्रेन ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ भी थी। गुजिशता साल इस ट्रेन को उड़ाने की सजिश रची गई थी और इसकी जिम्मेदारी समस्तीपुर (बिहार) के मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को सौंपी गई थी। मोनू दीगर दहशतगर्दों के साथ इसे जोधपुर या जैसलमेर के पास उड़ाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, आईएम सरगना यासीन भटकल के पकड़े जाने से साजिश नाकाम हो गई। राजस्थान आने वाले यहूदी टुरिस्ट पर भी हमले की साजिश थी। दिल्ली एटीएस की पूछताछ में ये खुलासा भटकल व अरशदुल्लाह ने किया है।
दहशतगर्दों ने बताया है कि यासीन और उसके भाई रियाज भटकल की बौधगया और पटना धमाके की तरह इस ट्रेन में भी धमाके और यहूदियों को निशाना बनाने की मंसूबा थी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने मोनू समेत तीन दहशतगर्दों पर 10 लाख का इनाम का ऐलान कर रखा है। राजस्थान एटीएस भी मोनू समेत मंगलौर के वकास और बिहार के औरंगाबाद के हैदर अली को तलाश रही है। जोधपुर समेत कई शहरों में पुलिस ने इनके पोस्टर भी लगाए हैं।
यासीन के भाई रियाज भटकल ने साल 2013 की शुरुआत में ही समस्तीपुर के मुक्तापुर के रहने वाले मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को पैलेस ऑन व्हील्स और यहूदी टूरिस्टों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया था। इसकी इत्तिला यासीन भटकल को भी दी गई। वह सिमी कारकुन वकास के साथ रुका था। जैसलमेर और पुष्कर में यहूदी टुरिस्ट निशाने पर थे। उसका दूसरा निशाना पैलेस ऑन व्हील्स थी। इसके फोटो और मैप भी लिए गए। रियाज ने मोनू को राजस्थान में सिमी कर्कुनान से मदद दिलवाई। मोनू गुजिशता साल जैसलमेर आ गया। यहां गाइड बन धमाके की तैयारी में जुट गया। लेकिन यासीन और अरशदुल्लाह के गुजिशता साल 28 अगस्त को नेपाल सरहद के पास पकड़े जाने के बाद रियाज व मोनू गायब हो गए।
नागौर में फर्जी नाम से सिम ली थी तहसीन ने
मोनू नागौर भी गया था। जहां सिमी कर्कुनान के साथ रहा। यहां फर्जी मोबाइल सिम खरीदी। ऑपरेशन की जानकारी ईमेल से रियाज व यासीन को देता था। तहसीन पटना हुए सीरियल धमाके मामले में भी अहम मुल्ज़िम है। एनआईए ने समस्तीपुर में उसके घर की कुर्की जब्ती की है।
कॉल डिटेल में जयपुर के आसपास की लोकेशन
राजस्थान एटीएस ने पूछताछ के बाद मोनू व उसके साथियों के मोबाइल की कॉल डिटेल की पड़ताल की। इस दौरान जयपुर में उसका मोबाइल ऑपरेट हो रहा था। वह रियासत में कइयों के राब्ते में था। सेक्यूरिटी एंजेसियों के मुताबिक आईएम ने राजस्थान में स्लीपर सेल बनाए हैं।