पटना 23 अप्रैल : दलालों के दम पर चलनेवाले नर्सिग होम और ज़ाती अस्पतालों में आये दिन इंसानियत शर्मसार होती है। पीर को एक खातून की लाश को घंटों यर गमाल बना कर रखा गया। मामला जक्कनपुर थाने के विग्रहपुर वाक़ेय एक ज़ाती अस्पताल का है।
बाद में पुलिस के मदाख्लत से लाश को लोउहक़िन के हवाले किया गया। मैयत के शौहर कृष्ण कुमार ने बताया कि वह मधुबनी के झंझारपुर के रेयाह्सी हैं। उनकी बीवी आरती देवी (25 साल) को तेज बुखार था। 20 अप्रैल को वह इलाज के लिए पीएमसीएच आ रहे थे, तभी रास्ते में एक एम्बुलेंस ड्राईवर मिल गया और कहा कि वह पीएमसीएच पहुंचा देगा। ड्राईवर पीएमसीएच नहीं ले जाकर मीठापुर बस स्टैंड के नजदीक एक ज़ाती अस्पताल में पहुंचा दिया।
तीन दिनों तक इलाज के बाद बीवी ठीक नहीं हुई और पीर की सुबह पांच बजे उसकी मौत हो गयी। कृष्ण कुमार का इलज़ाम है कि अस्पताल ने ठीक से इलाज नहीं किया, जिसकी वज़ह बीवी की मौत हो गयी।
इसके बाद अस्पताल इंतेजामिया माजिद रक़म का मुतालबा करने लगा। उसका कहना था कि जब तक पैसे नहीं दोगे, लाश नहीं दिया जायेगा। कृष्ण अस्पताल इंतेजामिया से काफी आरजू-मिन्नत करता था लेकिन कोई असर नहीं हुआ। बाद में जब मक़ामी लोगों को इसकी जानकारी हुई, तो उसने मीडिया के साथ पुलिस को भी इसकी इत्तेला दी।
पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल इंतेजामिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी, तो वह लाश देने के लिए राजी हुआ। बाद में कृष्ण अपनी बीवी की लाश लेकर गांव चले गये। जक्कनपुर थाना इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस की मुदाख्लत से कृष्ण कुमार को लाश दिलाया गया। इसके बाद वे झंझारपुर चले गये।