पॉप फ्रांसिस ने ट्रम्प के सोच की तुलना हिटलर के ज़माने से की

बर्लिन: कैथोलिक चर्च के आध्यात्मिक गुरु पोप फ्रांसिस ने “लोकप्रियता” के खिलाफ खबरदार करते हुए कहा है कि इसका नतीजा हिटलर की तरह तथाकथित ”मुक्ति देने वाले” के चुनाव के रूप में निकल सकता है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पद की शपथ लेने के संदर्भ में स्पेन के एक अखबार ‘एल पाइस’ को इंटरव्यू दिया, जिसमें पॉप फ्रांसिस ने शरण के लिए यूरोपीय देशों का रुख करने वाले प्रवासियों को प्रवेश से रोकने के लिए सीमाओं पर दीवारें खड़ी करने और कांटेदार तारें लगाने की सोच की निंदा की।

पोप ने कहा कि संकट यकीनन परेशानियों और चिंताओं को जन्म देती हैं, और पॉप के नजदीक ‘लोकप्रियता’ की मिसाल 1933 का जर्मनी है, पोप ने कहा, कि ” यह वह समय था जब जर्मनी को एक ऐसे नेता की तलाश थी जो उसे उसकी पहचान वापस दिला सके। तब अडोल्फ़ हिटलर नामक एक छोटे कद के व्यक्ति ने कहा कि वह ऐसा कर सकता है। ”

पोप फ्रांसिस ने स्पेन के अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि हिटलर चोर रास्ते से नहीं आया था। पोप का कहना था, ” हिटलर को जनता ने चुना था और फिर उसने अपने लोगों को नष्ट कर दिया। ” कैथोलिक ईसाइयों के आध्यात्मिक नेता के अनुसार इस समय जर्मन भी दीवारें खड़ी करके और बाड़ लगाकर खुद को बाहर से आने वालों से सुरक्षित रखना चाहते थे ताकि उनकी पहचान कायम रह सके।

पोप ने कहा कि इस संदर्भ में जर्मनी का उदाहरण देना इसलिए उपयुक्त है क्योंकि हिटलर ने जर्मन की सार्वजनिक पहचान बिगाड़ दिया था और जो परिणाम निकले सब उससे वाकिफ हैं। पॉप ने हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से संबंधित प्रश्न पर प्रतिक्रिया में कहा कि वर्तमान में ट्रम्प के बारे में कोई राय कायम करने से पहले समय चाहिए होगा।