पोकीमॉन को भारत आने से रोकना होगा

अधिकांश एशियाई देश यूँ तो पहले से नाना प्रकार की समस्याओं में उलझे हैं। अब एक नई मुसीबत काल्पनिक कैरेक्टर पोकीमॉन के रूप में उनके सामने है। जापानी में पोकेटटो मोनसुता को पॉकेट मॉनस्टर यानि पोकीमॉन कहते हैं। अर्थात पॉकेट में रखकर घूमने वाला मॉनस्टर या पिशाच। इसका नया अवतार अब पोकीमॉन गो की शक्ल में हमारे सामने है, जो कई प्रकार की समस्याओं का कारण बना हुआ है। इस अगस्त के महीने में जापान की कंपनी दा पोकीमॉन ने एशिया के 15 देशों में पोकीमॉन गो लांच किया है। तब से यह उन देशों में कानून व्यवस्था को लेकर नए नए मसले खड़ा कर रहा है। विशेष कर ट्रैफिक एवं दुर्घटना की समस्या बढ़ी है।

इससे ब्रुनेई,कंबोडिया, इंडोनेशिया,लोउस, मलेश्या, फिलीपींस,सिंगापुर,थाइलैंड,वयतनाम,ताइवान,पापुआ न्यू गिनी,फिजी की सरकारें चिंतित हैं। बढ़ते मसले पर कैसे लगाम लगाया जाए ? इस महत्वपूर्ण सवाल पर उनके बीच मंथन का दौर जरी है। यातायात के लिए यह कितनी बड़ी समस्या बन चुका है, गेम के रिलीज़ होने के पहले ही दिन देखने को मिला। सड़कों पर पोकीमॉन गो खेलते हुए गाड़ी चला कर यातायात नियम तोड़ने के जुर्म में 349 से अधिक लोग पकड़े गए थे। सिंगापुर में तो तीन लड़कों ने पोकीमॉन खेलते अपनी हौंडा सेडान कार वहां के चिन रोड के डिवाइडर पर दे मरी थी। पिछले महीने इंडोनेशिया में 9 पुलिस वाले ड्यूटी पर पोकीमॉन गो खेलते पकड़े गए थे। एशियाई देशों से पहले जुलाई में विश्व के 80 देशों में पोकीमॉन गो रिलीज़ हुआ था। उन मुल्कों के लिए भी यह मुसीबत का सबब बना हुआ है। कई देश तो इसके कारण पैदा होने वाली समस्याओं से बेज़ार होकर इसपर प्रतिबंधित लगाने पर विचार कर रहे हैं। जब कि कई संस्थानों ने पोकीमॉन गो के घुटने टेकते हुए अपने कर्मियों को ऑफिस में ही काम के दौरान इसे खेलने की इजाज़त दे दी है। ऐसे ही संस्थानों में एक है न्यू यॉर्क की कंपनी सोशल फ्लाई। इसकी संस्थापक स्टेफ़नी कार्टिन कहती हैं कि जब से काम के दौरान पोकीमॉन गो खेलने की इजाज़त दी है ऑफिस से गायब रहने वालों की संख्या न के बराबर रह गई, वर्ना कर्मचारी बंक मार कर सड़कों पर खेलने निकल जाते थे। द गार्डियन अख़बार के मुताबिक, 6 अगस्त को सैन फ्रांसिस्को के क्वरिक पार्क नमक पर्यटन स्थल पर दोस्तों के साथ पोकीमॉन खेल रहे एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। ऐसी घटनाएं कहीं असहनीय ना बन जाए यूरोप, अमेरिका और एशिया के देशों के लिए पोकीमॉन घोर चिंता का विषय बन गया है। इस को लेकर बैंकॉक के नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एंड टेलिकम्युनिकेशन कमिशन की हंगामी बैठक हो चुकी है। थाइलैंड में अचानक स्मार्ट फोन की बिक्री बढ़ने और पोकीमॉन गो खेलने वालों की दिनोदिन बढ़ती तादाद से विचलित हो कर रोक प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटर की बैठक बुलानी पड़ गई। दरअसल, पोकीमॉन अपनी तरह का अबतक का सब से तेज ऑनलाइन गेम है, जो केवल स्मार्ट फ़ोन पर खेला जाता है। इसे खेलते समय मॉनस्टर फ़ोन के स्क्रीन पर अपने आसपास दिखता, जिसे ढूंढ़ कर मारना होता है। चूंके खुले में खेलने से ज्यादा आनंद आता है। इस लिए इसे खेलते समय खेलने वाले को तनिक भी अहसास नहीं होता कि वह जा कहाँ रहा है। यही वजह है कि कई लोग इसे खेलने के चक्कर में अपने हाथ पैर तुड़वा चुके हैं। इसके बावजूद इसकी पॉपुलैरिटी घटने के बजाये बढ़ती ही रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जुलाई2016 को गेमे लांच होने के बाद से विश्व भर में प्रतिदिन10 मिलियन डोनलोड हो रहा है। पोकीमॉन गो की पहले महीने की कमाई 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। इसने कमाई के मामले में कैंडी क्रश सोडा सागा एवं क्लेश रॉयल को भी पछाड़ दिया है।

पोकीमॉन को लेकर हिंदुस्तान के लिए चिंता की बात यह है कि द पोकीमॉन कंपनी ने अगस्त के आखिर में एशिया बाकि मुल्कों भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका,नेपाल,बांग्लादेश, मालदीप और चीन में इसे लांच करने का ऐलान किया है। इसके बाद के हालात को देखते हुए अभी से तरह तरह की आशंकाएं व्यक्त की जाने लगी हैं। बरेली के दरगाह-ए-आला हज़रात को पोकीमॉन गो के चलते साम्प्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका लगती है। इसके मुफ़्ती सलीम नूरी ने 8 अगस्त को फतवा जरी कर गैर इस्लामिक करार दे दिया है। नूरी साहेब को लगता है कि लोग गेम खेलने के दौरान मॉनस्टर खोजने के चक्कर में किसी भी धार्मिक स्थल में घुस सकते हैं, जो बड़ा बवाल का कारण बन सकता है। इससे पहले सऊद अरब पोकीमॉन को गैर इस्लामिक करार दे चुका है। इसी तरह मोरिशस व डरबन में यह गैर इस्लामिक करार दिया जा चुका है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की समीक्षा करने वाले एक न्यूज़ चैनल का कहना है कि पोकीमॉन गो को इस्लामिक नाज़रये से ना भी देखें तो भी यह भारत के लिए मुसीबत ही है। एक तो अपने देश की सड़कों की कंडीशन ठीक नहीं। इस लिए वाहन चलते समय इसे खेलने वाले दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ा सकते है। अपने देश में सड़कों के साथ, ट्रैफिक लाइट्स,फ्लशिंग इंडिकेटर लाइट्स की दशा बेहद ख़राब है। दूसरा, महंगाई की मार झेल रहे इस देश के नागरिकों का डाटा पैक कई गुना बढ़ जाएगा। इस गेम की बड़ी बुराइयों में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है। गेम खेलते समय नेट पैक तेज़ी से खत्म होता है। यह बैटरी भी बहुत खाती है। ज़ाहिर है, यह किसी भी दृष्टि से अपने देश के लायक नहीं। इस लिए सरकार चाहे तो मुसीबत के आने से पहले उसपर रोक लगाने के उपाए ढूंढ ले।


लेखक -मलिक असग़र हाशमी