एक मुक़ामी अदालत ने सख़्त गैर क़ानून पोटा के तहत मुल्ज़िम क़रार दिए हुए सय्यद किरमानी को 14 दिन की पुलिस तहवील में देदिया। ये तहवील उनके मुबय्यना तौर पर क़ौम दुश्मन सरगर्मियों में मुलव्वस होने और पाकिस्तान में क़ायम तनज़ीमों के साथ रवाबित के इल्ज़ाम में जो हिंदुस्तान में दहशत फैलाना चाहती है, दी गई है।
क्राईम ब्रांच के शोबा-ए-सुराग़ रसानी ने 21 दिन तहवील की दरख़ास्त की थी लेकिन अदालत ने सिर्फ़ 14 दिन की तहवील मंज़ूर की। किरमानी का गिरफ़्तारी वारंट 2003 में क़ौम दुश्मन सरगर्मियों में मुलव्वस होने की बिना पर जारी किया गया था। वो गुजिश्ता दस साल से पुलिस को पोटा क़ानून के तहत एक मुक़द्दमा में दरकार थे। उन्हें चंद दिन क़बल हैदराबाद से गिरफ़्तार कर के अहमदाबाद मुंतक़िल किया गया है।