हुकूमत आंधरा प्रदेश की तरफ़ से स्कालर शिपस की इजराई में ग़ैर मामूली ताख़ीर ने हज़ारों पोस्ट मैट्रिक स्टूडैंटस के लिए डेवलपमेन्ट हॉस्टलस में क़ियाम के बावजूद रोज़ाना दो वक़्त का खाना तक मुश्किल बनादिया है। ऐसी रियासत जो साल 2011-12 के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये का बजट ( 1.45 लाख करोड़ रुपये बराए2012-13 ) पेश करती है, वो अजीब है कि पोस्ट मैट्रिक स्कालर शिपस के सिलसिला में इंटरमीडीयट , डिग्री और पोस्ट ग्रैजूएट स्टूडैंटस के लिए 2000 करोड़ रुपये की इजराई से क़ासिर है जबकि ये स्टूडैंटस तलबा के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम हॉस्टलस (मौजूदा डिपार्टमैंटल हॉस्टलस ) में रहते हैं जो महकमा समाजी बहबूद के तहत आते हैं।
रियासत के 23 अज़ला में से हर एक में औसतन चार डिपार्टमैंटल हॉस्टलस हैं जिन में से हर हॉस्टल में तलबा की तादाद 70 ता 100 है। हुकूमत की बे एतेनाई के नतीजा में तलबा को अपनी रोज़ाना की ग़िज़ाई ज़रूरत का ख़र्च ज़ाती तौर पर बर्दाश्त करना पड़ रहा है ।इस के इलावा बावर्चियों , वाच मैन और हॉस्टलस के दीगर स्टाफ़ की तनख़्वाहों की अदायगी के लिए भी उन्हें अपने स्कालरशिपस की कमी शिद्दत से महसूस हो रही है क्योंकि हुकूमत सिर्फ बिल्डिंग का किराया अदा करती है ।
मोतबर सरकारी ज़राए ने कहा कि अगरचे हुकूमत ने इस मालीयाती साल के तीसरे सह माही में तक़रीबन 1800 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं लेकिन ये सिर्फ़ गुज़शता मालीयाती साल से मुताल्लिक़ बकाया जात की पाबजाई (अदाइगी) के लिए काफ़ी हुए। अब जबकि मौजूदा मालीयाती साल एक माह बाद इख़तेताम को पहुंचने वाला है और जारीया साल में 8 माह गुज़र चुके हैं , हुकूमत ने हनूज़ (अभी तक ) स्कालरशिपस जारी नहीं किए हैं।
हॉस्टल में अपनी तक़रीबन 70 साथीयों के साथ रहने वाली डिग्री साल दुवम की तालिबा परगना ( नाम तबदील ) हैदराबाद से तक़रीबन 60 किलो मीटर दूर संगा रेड्डी में स्टूडैंटस के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम डिपार्टमैंटल में रहती है और वो गुज़शता दो माह से रोज़ाना एक वक़्त के खाने से काम चला रही है। हम पैसे के बगै़र दाल चावल और तरकारियां कैसे खरीदें ?
हम जो कुछ भी हमारे वालदैन से हासिल हो इसी से काम चलाते हुए रोज़ाना कम अज़ कम एक वक़्त का खाना यक़ीनी बनारहे हैं परगना ने इस के साथ मज़ीद कहा कि तमाम स्टूडैंटस ऐसे ख़ुशकिसमत नहीं कि अपने घरों से उन्हें रक़म हासिल हो क्योंकि इन का ताल्लुक़ ग़ुर्बत ज़दा ख़ानदानों से है। ज़िला मेदक में स्टूडैंटस के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम तीन हॉस्टलस हैं जिन में तक़रीबन 250 तलबा मुक़ीम हैं।
डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर सी दामोदर राज नरसिम्हा के इलावा उन के वोज़ारती रोफ़क़ा(साथी) का ताल्लुक़ ज़िला मेदक से हैं जबकि संगा रेड्डी ऐम एलए टी जए प्रकाश रेड्डी गर्वनमैंट विहिप हैं जिन्हें वज़ीर का दर्जा हासिल है।दरीं असना महकमा समाजी बहबूद के ओहदेदारों ने यहां एतराफ़ किया कि स्कालर शिपस की रक़म जारी करने में मसला हुवा है।
इस महकमा के एक आला ओहदेदार ने बताया कि हम ने इस साल शफ़्फ़ाफ़ियत को यक़ीनी बनाने के लिए तमाम लेन देन ऑनलाइन किए हैं । ऑनलाइन दरख़ास्तें डिसमबर तक वसूल की गई जबकि तसदीक़ का अमल जनवरी के ख़तम पर मुकम्मल हुवा । इसी लिए अदायगी में ताख़ीर होगई।