प्याज़ की क़ीमतों में खासतौर पर इस लिए इज़ाफ़ा हुआ कि हुक्मरानी खराब और होलसेल ताजिरों को लाईसेंस जारी करने के सिलसिला में कई मसाइल पैदा हुए थे।
मर्कज़ी वज़ीर-ए-ममलकत बराए ज़राअत तारिक़ अनवर ने कहा कि प्याज़ की क़ीमतों में हालिया इज़ाफ़ा वाज़िह तौर पर नाफ़िज़ हुक्मरानी का नतीजा है। काश्तकारों को प्याज़ की क़ीमत 10 रुपये फ़ी किलोग्राम हासिल हुई जबकि ग्राहकों को 80 ता 100 रुपये फ़ी किलोग्राम प्याज़ की क़ीमत अदा करनी पड़ी।
इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि प्याज़ के बाज़ार पर क़ाबू पाने के तरीक़ा में कोई संगीन ग़लती मौजूद थी। प्याज़ और टमाटर रोज़ाना पकवान के ज़रूरी अजज़ा हैं और दोनों की क़ीमतों में ज़बर्दस्त इज़ाफ़ा देखा गया। प्याज़ 60 ता 70 रुपये फ़ी किलोग्राम अब भी फ़रोख्त हो रही है जबकि दिल्ली में टमाटर की क़ीमत 70 ता 80 रुपये फ़ी किलोग्राम होगई है।
तारिक़ अनवर ने कहा कि हम जानते हैं कि हुक्मरानी के मसाइल और होलसेल ताजिरों को लाईसेंस जारी करने के सिलसिला में कौनसे मसाइल पेश आते हैं। उन्होंने कहा कि काश्तकारों को कम क़ीमत की अदायगी और बाज़ार में महंगी क़ीमत पर फ़रोख्त से साफ़ ज़ाहिर होता है कि क़ीमत का ये तज़ाद खराब हुक्मरानी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि तर्कारियों की क़ीमत,फलों की क़ीमत से ज़्यादा होगई है इस केलिए दलाल और ज़खीराअंदोज़ ज़िम्मेदार हैं।