प्रणब मुख़र्जी ने QSI-गेज भारत का पहला देशव्यापी उच्चतर शिक्षा रैंकिंग सिस्टम लॉन्च किया

भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुख़र्जी ने भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए QSI-गेज भारत का पहला देशव्यापी उच्चतर शिक्षा रैंकिंग सिस्टम लॉन्च किया है।

इस अवसर पर, श्री प्रणब मुख़र्जी ने विश्वस्तरीय मानकों वाली गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाली प्रणालियों के महत्त्व पर जोर दिया। रैंकिंग के महत्त्व पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि, “यह उत्कृष्टता सृजित नहीं करता बल्कि यह मौजूदा प्रतिभा को विश्व और व्यापक समाज के सम्मुख मान्यता, पहचान और परिचय दिलाता है और इससे अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन आपको ध्यान में रखना होगा कि शिक्षा में गुणवत्ता, सर्वोपरि महत्त्वपूर्ण है।”

रैंकिंग और रेटिंग के महत्त्व पर जोर देते हुए, श्री प्रणब मुख़र्जी ने कहा कि, “हमारे अनेक संस्थानों में ये प्रतिभाएं हैं किन्तु कभी-कभी वे इस प्रणाली के महत्त्व को लेकर जागरूक न होने की वजह से इसे नहीं अपनातीं। यह उनकी क्षमताएं या उत्कृष्टता में बढ़ोत्तरी नहीं करता, बल्कि यह उनको बाहरी संपर्कों की सुविधा देता है। हम एक वैश्विक दुनिया में रह रहे हैं। हम अलग-थलग पड़कर नहीं जी सकते, और हमें वैश्वीकृत दुनिया से संवाद करने के लिए खुद को तैयार करना ही होगा।” ऐसा उन्होंने आगे जोर देते हुए बताया।

अकादमिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता को मान्यता देते हुए, इस अवसर पर ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को QS I-गेज द्वारा डायमंड रेटिंग प्रदान की गई। यह घोषणा, श्री प्रणब मुख़र्जी और डॉ. विरेंदर चौहान, चेयरमैन, (NAAC) की उपस्थिति में 21 मार्च को की गई। 2017 में, JGU को QS BRICS यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स द्वारा भारत के शीर्ष 10 निजी संस्थानों और BRICS देशों में शीर्ष 300 में शामिल किया गया था।

JGU द्वारा प्राप्त किए गए कीर्तिमानों को इंगित करते हुए संस्थापक वाइस चांसलर प्रोफ्फेसर (डॉ) सी. राज कुमार ने कहा कि, “मैं इस अवसर पर, एक ही दिन एक साथ दो-दो सम्मान हासिल करने की उपलब्धि के लिए JGU परिवार के प्रत्येक सदस्य को बधाई देता हूं। UGC द्वारा स्वायत्त दर्जा और QS डायमंड रेटिंग, उल्लेखनीय कीर्तिमान हैं, जो वैश्विक उच्चतर शिक्षा में भारत के उल्लेखनीय योगदान की दिशा में हमारे प्रयासों को सुदृढ़ बनाएंगे और आने वाले कल के लीडर्स को प्रोत्साहित करेंगे। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति के कर-कमलों से यह सम्मान प्राप्त करना हमारे लिए महान गौरव की बात है।”

QS I-गेज रैंकिंग सिस्टम की विधियों के बारे में बताते हुए श्री बेन सोव्टर, डायरेक्टर, QS लि., UK ने कहा कि, “हम मानते हैं कि किसी मौजूदा तरीके से पहचाने जाने से कहीं अधिक व्यापक प्रकार से भारत में विकसित हो रही उत्कृष्टता में हम अग्रणी बने रहेंगे। हमें उम्मीद है कि यह भारत में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अधिक सुदृढ़ डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग दक्षताएं विकसित करने में मदद करेगी जो QS I-गेज संदर्भ से कहीं आगे तक होंगी और उनको विविध प्रकार के विभिन्न तरीकों से उनके कार्यप्रदर्शन का मूल्यांकन और सुधार करने में मदद करेगी।”

सात प्राथमिक और पांच द्वितीयक श्रेणियों, जिनमें शिक्षण और अधिगम, रोजगारपरकता और सामाजिक जिम्मेदारी से लेकर शोध और नवप्रवर्तन तक शामिल हैं, से तैयार QS I-गेज रेटिंग भारतीय उच्चतर शिक्षा संस्थानों का अद्वितीय सम्पूर्ण (360-डिग्री) परिप्रेक्ष्य उपलब्ध कराती है।

QS I-गेज द्वारा दी गई प्रत्येक रेटिंग की कड़ी निगरानी और पर्यवेक्षण, लंदन में स्थित QS इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा किया जाता है। प्राधिकृत रैंकिंग निर्धारित करने वाली यही टीम वैश्विक प्रतिष्ठित QS स्टार्स यूनिवर्सिटी रेटिंग सिस्टम तय करती है। QS रेटिंग्स के कड़े मानक और अखंडता एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड से निर्देशित होते हैं, जिसमें भारत व विदेशों से उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं।

अनेक प्रतिष्ठित अकादमिक विद्वानों ने QS I-गेज कार्यक्रम में भाग लिया।