प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों के नाम पर जांच एजेंसियां मुस्लिम युवाओं को भयभीत कर रही है- शरद पवार

भारतीय राजनीति में सीनियर और कद्दावर नेता शरद पवार ने बताया कि विभिन्न मुस्लिम संगठनों का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हाल ही में उनसे मिला था। उसने शिकायत की कि एटीएस आईएस और अन्य प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों के नाम पर मुस्लिम युवाओं को आतंकित कर रही है। आईएस की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए इस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनके समुदाय के युवक कभी भी इस संगठन की गतिविधियों का समर्थन नहीं करेंगे। राज्यसभा सदस्य पवार ने कहा कि ऐसे कई वाकये हुए हैं (खासकर मराठवाड़ा में) जिसमें जांच एजेंसी ने संदेह के आधार पर युवाओं को उठाया और गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के मुताबिक गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। लेकिन, कई मामले ऐसे हैं जिसमें हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 120 घंटे बाद भी अज्ञात स्थान पर रखा गया और उसे बाहर नहीं आने दिया गया। सरकार को इस पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराधी की कोई जाति या पंथ नहीं होता। किसी समुदाय विशेष पर ठप्पा (अपराधी का) नहीं लगाना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार के प्रस्तावित आंतरिक सुरक्षा कानून पर पवार ने कहा कि ये वही (भाजपा) लोग हैं जो 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल लगाने के खिलाफ ऊंची नैतिकता की बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बदल गई है और लगता है कि कानून बनाने की व्यवस्था भी।

नियम यह रहा है कि मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल किसी कानून को बनाने का फैसला करते हैं और अपने सचिव से उसे बनाने के लिए कहते हैं। यहां विपरीत है। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी के उस दावे का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रस्तावित कानून सचिवालय स्तर पर बनाया गया है और मंत्रियों के स्तर पर इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई थी।