नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल के उभरते नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में अन्य दलों को ‘ड्राइविंग सीट’ पर रखना चाहिए जहां वह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी का मिलकर मुकाबला करने के लिए ‘अहंकार’ को दूर रखने की जरुरत है।
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण नहीं है। विपक्षी दलों के लिए ‘संविधान बचाने’ के वास्ते सबसे ज्यादा जरूरत एक साथ आने की है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरी नजर में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में बात प्राथमिकता नहीं है क्योंकि देश खतरे का सामना कर रहा है। संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण खतरे में है।’
उन्होंने अपनी बात पर बल देने के लिए UPA-1 का उदाहरण दिया जब मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। यादव ने कहा कि विपक्ष एक साथ आ कर जीत सकता है। उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव गांधी-आंबेडकर-मंडल बनाम गोलवलकर-गोडसे के बीच लड़ा जाएगा।
युवा नेता ने आरक्षण पर महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और मंडल आयोग बनाम RSS के एमएस गोलवलकर और नाथूराम गोडसे के विचारों का जिक्र करते हुए कहा, ‘सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता में विश्वास करने वाले विपक्ष के सभी राजनीतिक दलों को अपने अहंकार तथा मतभेदों को पीछे छोड़कर संविधान बचाने के लिए एक साथ आना चाहिए।’
उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की टिप्प्णी का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ‘RSS कानून’ लागू करना चाहती है। गौरतलब है कि हेगड़े ने कहा था कि पार्टी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है। विपक्षी गठबंधन की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस पर दूसरे दलों को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी है।
यादव ने कहा, ‘लेकिन कांग्रेस को यह देखना है कि वह अन्य दलों को साथ लेकर कैसे चलेगी। बिहार में RJD सबसे बड़ी पार्टी है तो उसे इसके अनुसार रणनीति बनानी चाहिए।
उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश देखिए जब मायावती जी और अखिलेश जी एक साथ आए तो उसे इसके अनुसार रणनीति बनानी चाहिए।’ उनके अनुसार कांग्रेस को अपनी रणनीति में केवल अपने हित ही नहीं बल्कि अपने सहयोगियों के हितों को भी ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सम्मान दिया जाए।