प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए नारे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से मुस्लिम समुदाय में माहौल कुछ-कुछ खुशगवार है। अल्पसंख्यकों का विश्वास हासिल करने के लिए दिए गए इस बयान पर देवबंदी और बरेलवी उलेमा ने खुशी का इजहार किया। उनका कहना है कि सकारात्मक सोच से ही मुल्क में नया दौर शुरू होगा। हालांकि कुछ आलिम इस पर संदेह जता रहे हैं और सवाल भी कर रहे हैं।
दारुल उलूम वक्फ देवबंद के मोहतमिम मौलाना सूफियान कासमी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को सकारात्मक बताया। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की नई फिक्र से मुल्क में सौहार्द्र और सुरक्षा की भावना का माहौल बनेगा। मोदी अल्पसंख्यकों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देंगे। महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुबारकबाद दी है।
उन्होंने लिखा है कि भारी बहुमत के साथ आपकी वापसी इस बात का सबूत है कि मुल्क की अवाम आपकी हिमायत करती है। उम्मीद है कि आप वतन-ए-अजीज की तरक्की और खुशहाली के लिए जाने जाएंगे। पीएम मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हासिल करने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। बरेली की दरगाह आला हजरत के मुफ्ती गुलाफ मुस्तफा रजवी, मुफ्ती साजिद हसनी कादरी, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सबका विश्वास नारे से हमारा विश्वास जीता है।
सवाल भी उठाए
दूसरी ओर फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मुफ्ती अरशद फारुकी ने शंका जाहिर करते हुए पूछा है कि क्या मोदी सबका साथ और सबका विकास करने के साथ, सबका यकीन हासिल करने के लिए अपनी पार्टी का एजेंडा भी बदलेंगे? जब तक ऐसा नहीं होता तब तक पूरे मुल्क और यहां रहने वाली सभी कौमों का विश्वास कैसे हासिल कर सकेंगे।