नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इसी बीच नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है. 30 मई को नरेंद्र मोदी के पीएम पद की शपथग्रहण के दौरान ममता बनर्जी धरने पर बैठने वाली हैं.
ममता बनर्जी उत्तर 24 परगना के नैहाटी नगरपालिका के सामने धरने पर बैठेंगी. बता दें कि हाल ही में नैहाटी नगरपालिका के पार्षद भी टीएमसी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी के इस धरने की वजह चुनाव के दौरान हिंसा की वजह से टीएमसी कार्यकर्ताओं का सड़क पर आना है.
ये भी कहा जा रहा है इस धरने के जरिए ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद जनता की संवेदना बटोरना चाहती हैं.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में जाने से इनकार कर दिया है. ममता के मुताबिक, उन्होंने यह फैसला उन मीडिया रिपोर्ट्स को देखने के बाद किया है जिनमें बीजेपी के लोग दावा कर रहे थे कि बंगाल की राजनैतिक हिंसा में 54 लोग मारे गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के गुरुवार के शपथग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के प्रतिनिधियों और मशहूर हस्तियों तथा राजनेताओं के अलावा 54 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ सालों में राजनीतिक हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परजनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया है.
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें जीती हैं, और पश्चिम बंगाल में पार्टी का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा, जहां उसने पिछले लोकसभा चुनाव की दो सीटों के मुकाबले इस बार 18 सीटों पर जीत दर्ज की.
चुनावों के दौरान, मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक हिंसा का मुद्दा बार-बार उठाया था. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.