प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओणम के पावल त्यौहार के अवसर पर केरल के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ ईश्वर करे, ओणम का यह पावन त्यौहार केरल के लोगों को उन मुसीबतों को सहन करने में और शक्ति प्रदान करे जिसका सामना पिछले कुछ दिनों से वे कर रहे हैं। पूरा देश केरल के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और केरल के नागरिकों की प्रसन्नता एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना कर रहा है।’
ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। ओणम केरल का एक पर्व है। ओणम का उत्सव सितम्बर में राजा महाबली के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है।
उत्सव त्रिक्काकरा (कोच्ची के पास) केरल के एक मात्र वामन मंदिर से प्रारंभ होता है। ओणम में प्रत्येक घर के आँगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुन्दर सुन्दर रंगोलिया (पूकलम) डाली जाती हैं।
युवतियां उन रंगोलियों के चारों तरफ वृत्त बनाकर उल्लास पूर्वक नृत्य (तिरुवाथिरा कलि) करती हैं। इस पूकलम का प्रारंभिक स्वरुप पहले (अथम के दिन) तो छोटा होता है परन्तु हर रोज इसमें एक और वृत्त फूलों का बढ़ा दिया जाता है।
इस तरह बढ़ते बढ़ते दसवें दिन (तिरुवोनम) यह पूकलम वृहत आकार धारण कर लेता है। इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा महाबली तथा उसके अंग रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिटटी से बनायीं जाती है।
ओणम मैं नोका दौड जैसे खेलों का आयोजन भी होता है। ओणम एक सम्पूर्णता से भरा हुआ त्योहार है जो सभी के घरों को ख़ुशहाली से भर देता है।