नई दिल्ली: कांग्रेस ने कहा है कि उत्तर प्रदेश (यूपी) और पंजाब के लिए पार्टी के रणनीतिकार व्यक्ति के रूप में प्रशांत किशोर सेवाओं जारी हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया है कि प्रशांत जल्द ही कांग्रेस से नाता तोड़ सकते हैं। ऐसी रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में पार्टी सूत्रों ने कहा कि विशेषज्ञ सलाहकार जो रोल सौंपा गया है वह विधानसभा चुनाव वाली दो राज्यों के लिए अब तक बरकरार है और वे अपना काम कर रहे हैं।
हाल के दिनों में ऐसी सूचनाएं आईं कि उत्तर प्रदेश और पंजाब की कांग्रेस इकाइयां प्रशांत दुखी हैं। प्रशांत कार्यालय के सूत्रों ने भी इस बारे में बताया कि उनकी टीम के सदस्यों बुनियादी स्तर पर काम कर रहे हैं और जिला स्तर की पार्टी इकाइयों के साथ लिंक अनुशासन में हैं। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार सलाहकार प्रशांत किशोर सेवाओं उपाध्यक्ष कांग्रेस राहुल गांधी ने हासिल करते हुए उन्हें यूपी और पंजाब में पार्टी की रणनीति तय करने की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
इन दो राज्यों में जल्दी 2017 में विधानसभा चुनाव आयोजित होंगे। प्रशांत किशोर पूर्व में नरेंद्र मोदी की मुहिम से भी जुड़े रहे हैं जब वे 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नामित प्रधानमंत्री थे। जब प्रशांत कांग्रेस से जुड़ गए तो शुरू में कुछ बेचैनी देखी गई लेकिन समय के साथ स्थिति में सुधार आ गया। हाल कौतूकपूर्ण बातें प्रशांत की समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री यूपी अखिलेश यादव के साथ बैठकों के कारण हुईं। ऐसे संभावनाओं दिखाया कि यूपी में भाजपा की वृद्धि को रोकने के लिए प्रशांत संभवतः सपा नेतृत्व की ओर से इस्तेमाल किया जा सकता है। पंजाब में प्रशांत ने विभिन्न शीर्षकों के तहत राजनीतिक अभियान तय किए हैं जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह को उभारा गया।