हैदराबाद – रियासत तेलंगाना बिलख़सूस हैदराबाद के प्राइवेट तालीमी इदारों में साल हाल तक़रीबन फ़ीस में 25 ता 30 फ़ीसद इज़ाफ़ा कर दिया गया है लेकिन इस सिलसिला में स्कूलों का कोई ज़िम्मेदार जवाबदेही के लिए तैय्यार नहीं है।
ओलयाए तलबा को असातिज़ा के ज़रीया ये कह दिया गया है कि आइन्दा तालीमी साल केआग़ाज़ से फ़ीस में इज़ाफ़ा होजाएगा और जिन स्कूलों में इमतिहान के नताइज जारी करदिए गए इन स्कूलों में ओलयाए तलबा-ए-को फ़ीस कार्ड्स भी हवाले किए गए जिन्हें देखने के बाद ओलयाए तलबा की परेशानीयों में मज़ीद इज़ाफ़ा होगया है।
ओलयाए तलबा , वालदैन-ओ-सरपरस्त पहले से ही यूनीफार्म, किताबों के इलावा ट्रांसपोर्ट के अख़राजात से मुताल्लिक़ मुतफ़क्किर थे ऐसे में स्कूलस इंतिज़ामीया ने बे रहमाना अंदाज़ में फ़ीस में इज़ाफ़ा करते हुए नया बोझ आइद कर दिया है।
हुकूमत की जानिब से बनाए गए क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए चलाए जाने वाले कई प्राइवेट स्कूलस फ़ीस के मुआमला में क़वानीन का तज़किरा करते हैं और कहते हैं कि हुकूमत ने उन्हें उन की मर्ज़ी के मुताबिक़ फ़ीस वसूल करने का इख़तियार दे रखा है।
जबकि हक़ीक़त ये नहीं है। स्कूलों पर लाज़िमी है कि वो अपनी फ़ीस की मुकम्मल तफ़सीलात ज़िला एजूकेशन ओहदेदार के पास जमा करवा ऐं । दफ़्तर हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट एजूकेशनल ऑफीसर में दरयाफ़त करने पर ये बात सामने आई है कि कई स्कूलस के ज़िम्मा दारान ने फ़ीस के मुताल्लिक़ तफ़सीलात तो कुजा कई ज़रूरी मालूमात डी ई ओ के दफ़्तर को फ़राहम नहीं की हैं।
महिकमा तालीम में जारी रिश्वत के चलन, रियासत बिलख़सूस शहरी इलाक़ों के तालीमी हालात की तबाही का मूजिब बिन रहा है।
ज़िला कलैक्टर की जानिब से जारी करदा रहनुमा या ना ख़ुतूत पर अदम अमल आवरी के बावजूद ज़िला एजूकेशन ऑफीसर की जानिब से इख़तियार करदा ख़ामोशी के सबब अवाम बिलख़सूस ओलयाए तलबा-ओ-सरपरस्तों में शुबहात पैदा होते जा रहे हैं