छपरा के धर्मासती गंडामन गांव वाक़ेय प्रायमरी स्कूल में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार स्कूल की प्रिंसिपल मीना देवी का पालीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। पुलिस को इस बाबत कोर्ट से इजाजत मिल गयी है। मीना ने भी इस टेस्ट के लिए अपनी मंजूरी दी है। इस बीच जुमेरात को उसे चीफ अदालती मजिस्ट्रेट के सामने के पेश करने के बाद पांच अगस्त तक अदालती हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पोलीग्राफी टेस्ट के ज़रिये यह जांच की जाएगी कि प्रिंसिपल की तरफ से जो बयान दिए जा रहे हैं वह सही है या नहीं? पुलिस, मीना देवी के शौहर अर्जुन राय से भी पूछताछ करेगी। पुलिस के आला अफसरों ने सरकारी तौर पर यह बताया कि अर्जुन राय को हिरासत में लेकर इस मामले में पूछताछ की जाएगी। अगर वह खुद पूछताछ के लिए पुलिस के पास नहीं पहुंचते हैं तो पुलिस कोर्ट से वारंट लेगी।
मीना को जेल भेजे जाने से पहले मिड डे मील कांड की जांच को ले तशकील एसआइटी के पुलिस अफसरों ने उससे लंबी पूछताछ की। पूछताछ की वीडियो रिकार्डिग करायी गयी है। मीना के वालिद भी पुलिस हिरासत में उसके साथ थे। इस बाबत मिली जानकारी के मुताबिक प्रिंसिपल ने पूछताछ के दौरान पूरी तरह से रटा-रटाया जवाब दिया है। इस पूरे मामले को वह मुसलसल साजिश बता रही है। प्रिंसिपल ने यह कहा है कि मिड डे मील खाने से बीमार पड़े बच्चों को देखने वह छपरा में अस्पताल भी गयी थी। पर पुलिस ने अपनी जांच के दौरान इसे गलत पाया है। मिड डे मील के दिन मीना के स्कूल में माड़-भात खाये जाने की बात भी तस्दीक नहीं हो रही है। पुलिस ने यह पूछा कि उनके पास कुल कितनी जमीन है? इस पर भी वह चुप रही और कुरेदने पर सिर्फ इतना कहा कि उसे यह नहीं मालूम है। जबकि खानदान का असल काम जराअत है।
पुलिस ने पूछताछ के दौरान पीएमसीएच में अपना इलाज करा रही बावर्ची से भी इस मामले में मीना से बात करायी। दोनों की बातचीत को भी रिकार्ड किया गया है। ख्वातीन बावर्ची ने साफ-साफ यह कहा है कि जो तेल उनके घर से आया था सब्जी उसी में बनी।
पुलिस के पास अब यह पूरा मामला भी मौजूद है कि मिड डे मील वाकिया के ठीक पहले और वाकिया के बाद मीना और उसके खानदान की मोबाइल पर किस-किस लोगों ने बात की। इस दौरान पुलिस के पास एक नंबर ऐसा भी है जिसने वाकिया के दिन शाम चार बजे मीना के मोबाइल पर फोन किया। बातचीत काफी देर तक हुई है।