प्रेग्नेंट खातून के बेड पर अस्पताल ने लिखा एड्स से मुतास्सिर

मेरठ: एक एड्स से मुतास्सिरा के साथ अस्पताल में गलत सुलूक किये जाने का मामला सामने आया है. तीस साल की एड्स मुतास्सिरा लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में शरीक थी. उसके बेड के पास एचआईवी का पोस्टर लगाया गया. इतना ही नहीं तीन दिनों तक जितना भी मेडिकल कचरा उसने जमा किया उसे खुद ही साफ करना पड़ा.

एड्स रोगी होने की वजह से उसे अस्पताल में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जब यह खबरें मीडिया में आयी तो डीएम ने पूरे मामले की जांच के हुक्म दे दिये. अस्पताल भी इस पूरे मामलो को बढ़ता देख अब मुतास्सिरा से मांफी मांग रहा है. आईएमसए के सदर ने भी माना की मुतास्सिरा के साथ जिस तरह का सुलूक किया वह मेडिकल एथिक्स के खिलाफ था.

मौसूल इत्तेला के मुताबिक खातून को 19 जून को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में शरीक करवाया गया 20 जून को उसने एक बच्ची को जन्म दिया. बच्ची की पैदाइश के बाद जब खातून को वार्ड में शिफ्ट किया, तो उसके बेड पर एचआईवी पॉजिटिव का निशान बना दिया गया.

इस निशान के सबब खातून को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, जो लोग उनसे मिलने आये उन्हें जब पता चला कि खातून एचआईवी से मुतास्सिर है, तो उन्होंने उनसे दूरी बनाकर रखी. इसके अलावा आसपास के मरीजों ने भी उनसे दूरी बना कर रखी. इससे खातून बहुत मजरूह हुई.

पूरे तनाजे को बढ़ता देख अस्पताल ने अपनी हरकत पर अफसोस जताया है. अस्पातल की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हमने खातून से माफी मांग ली है और उन्होंने हमें माफ कर दिया है. मेडिकल सुपरिटेंडेट सुभाष सिंह ने भी माना कि अस्पताल को मुतास्सिरा की बीमारी के ताल्लुक में राज़दारी बरतनी चाहिए थी.

मुतास्सिरा डॉक्टरों की हरकत से काफी नाराज है. उन्होंने कहा, यह बीमारी मुझे मेरे शौहर से मिली. मैंने अबतक इसे सबसे छुपा कर रखा था, लेकिन डॉक्टरों ने इसे आवामी कर दिया. मैं नहीं जानती की अब गांव जाने के बाद मेरे साथ कैसा सुलूक किया जायेगा.