प्रोफेसर साई बाबा की फ़ौरी रिहाई का मुतालिबा

इंसानी हुक़ूक़ के लिए सरगर्म कारकुन और क़ाइदीन अब जेलों में हुकूमतों को खटकने लगे हैं और उन क़ाइदीन के साथ जेलों में भी हरासानी का सिलसिला जारी है।

सिविल लिबर्टीज़ कमेटी ने नागपुर जेल में ग़ैर मजाज़ तौर पर महरूस प्रोफेसर साई बाबा की फ़ौरी रिहाई का मुतालिबा किया है। सरकारी इक़दामात और जेल-ओ-पुलिस इंतेज़ामीया के ख़िलाफ़ प्रोफेसर साई बाबा पिछ्ले चार दिन से भूक हड़ताल पर हैं और प्रोफेसर से इज़हार यगानगत और उनकी रिहाई के लिए सी एलसी ने एहतेजाजी प्रोग्राम मुनाक़िद करने का फ़ैसला किया है।

सी एलसी क़ाइदीन ने बताया कि प्रोफेसर साई बाबा जिन का ताल्लुक़ मशरिक़ी गोदावरी से हैं, वो बचपन ही से माज़ूर हैं और पोलीयो के सबब 90 फ़ीसद माज़ूर हैं। ताहम सख़्त मेहनत और तालीम से उन्होंने दिल्ली यूनीवर्सिटी में बहैसीयत अस्सिटेंट प्रोफेसर मुलाज़मत इख़तियार करली।

उन्हें सेहत के लिहाज़ से रोज़ाना 15 इक़साम की अदवियात का इस्तेमाल करना पड़ता है और परहेज़ ज़रूरी है और एहतियात ना होने के सबब प्रोफेसर की सेहत बिगड़ती जा रही है। प्रोफेसर ने जेल हुक्काम और पुलिस-ओ-हुकूमत के रवैये के ख़िलाफ़ जेल में भूक हड़ताल का आग़ाज़ कर दिया है।