पड़ोसी ममालिक से रवाबित हस्सास मसला , नए वज़ीर-ए-दिफ़ा का तास्सुर

पड़ोसी ममालिक के साथ ताल्लुक़ात हस्सास मसला होने का इद्दिआ करते हुए नए वज़ीर-ए-दिफ़ा मनोहर पारीकर ने आज कहा कि वो मुल्क को दुश्मनों के मुक़ाबले में दिफ़ा से महरूम मुल्क बनाना नहीं चाहते। उन्होंने राज्य सभा इंतेख़ाबात के लिए अपने पर्चा जात नामज़दगी दाख़िल करने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस‌ से ख़िताब करते हुए कहा कि वज़ीर-ए-दिफ़ा आज सहाफ़त के सामने अपने दिफ़ा से महरूम हैं, लेकिन में अपने मुल्क को इस के दुश्मनों के मुक़ाबले में अपने दिफ़ा से महरूम मुल्क बनने नहीं दूंगा।

सवालात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान और इस के पड़ोसी ममालिक से ताल्लुक़ात एक हस्सास मसला हैं। मनोहर पारीकर ने कहा कि वो वज़ीर-ए-दिफ़ा बन चुके हैं। उन्हें 11 बजकर 33 मिनट शब पर इस का पता चला। उन्होंने सहाफ़त से गुज़ारिश की कि उन को कुछ मोहलत दी जाये।

मुताला करने का वक़्त दिया जाये ताकि वो हिन्दुस्तान के इस के पड़ोसी ममालिक से ताल्लुक़ात का जायज़ा ले सकें, क्योंकि ये एक एहसास मसला है। पारीकर ने कहा कि उन्हें अपनी विज़ारत से मानूस होने के लिए कुछ वक़्त लगेगा। मेरा काम मुक़र्ररा निशाने की तकमील करना है। चाहे इस के लिए दिफ़ाई अफ़्वाज के ज़रिये हिन्दुस्तान को मुस्तहकम क्यों ना करना पड़े।

उन्होंने कहा कि मालूमात के फ़ुक़दान की वजह से क्योंकि वो चीफ़ मिनिस्टर गोवा थे, वज़ीर-ए-दिफ़ा नहीं बल्कि वो कभी मर्कज़ में भी नहीं रहे, इस लिए उन्हें मुकम्मल तौर पर अपनी विज़ारत को समझने के लिए कम अज़ कम एक हफ़्ते की मोहलत दी जानी चाहिए। वो इस के बाद वज़ीर-ए-आज़म से कहेंगे कि वो हर सवाल का जवाब दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक में अपनी विज़ारत का मुकम्मल तौर पर मुताला ना करलूं और इस के लिए वक़्त लगेगा। इस से पहले वो सवालात के जवाब नहीं दे सकते। एक हफ़्ते बाद वो हर सवाल का जवाब देंगे। इंतेख़ाबात के बारे में बात करते हुए पारीकर ने कहा कि उन्हें फ़ख़र है कि उन्हें राज्य सभा में उत्तरप्रदेश की नुमाइंदगी का मौक़े मिला है।

राज्य सभा में इस रियासत से अपना पर्चा नामज़दगी दाख़िल करने के बाद मुझे फ़ख़र का एहसास होता है। इस रियासत ने मुल्क को कई बड़े क़ाइदीन दिए हैं। ये राम और कृष्ण की सरज़मीन है। यहीं से हिन्दुस्तान की तारीख़ का आग़ाज़ होता है। उन्हें इस रियासत की नुमाइंदगी का मौक़ा मिला है जिस के लिए वो ख़ुद को ख़ुशकिसमत समझते हैं। उन्होंने तैक़ून‌ दिया कि वो अपनी भरपूर सलाहियत के साथ मुल्क की ख़िदमत करेंगे|