फंड्स की कमी से अक़ल्लीयती बहबूद की कई असकीमात मुतास्सिर

हैदराबाद 27 अक्टूबर ( सियासत न्यूज़) रियासत में अक़ल्लीयती बहबूद की असकीमात बुरी तरह मुतास्सिर हुई हैं और फंड्स की कमी के बाइस कई इस्कीमात् का वजूद बराए नाम होकर रह गया है ।

ज़रूरत इस बात की है कि चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी अक़ल्लीयती बहबूद के बारे में अपनी संजीदगी के मुज़ाहिरे केलिए अक़ल्लीयती इस्कीमात् पर अमल आवरी के सिलसिला में आला सतही इजलास तलब करें और दरकार फ़ंड जारी करें ।

साबिक़ रियास्ती वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद मुहम्मद अली शब्बीर ने आज चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात की और रियासत में अक़ल्लीयती बहबूद की कारकर्दगी और असकीमात पर अमल आवरी के मसला पर नुमाइंदगी की।

उन्हों ने कहा कि गुज़शता 3बरसों से अक़ल्लीयती बहबूद की कारकर्दगी बुरी तरह मुतास्सिर हुई है और कई असकीमात अमलन ख़तम् हो चुकी हैं ।

वाई ऐस राज शेखर रेड्डी के दौर-ए-हकूमत में 5बरसों तक जिन असकीमात पर कामयाबी से अमल किया गया गुज़शता 3बरसों से उन असकीमात को मुख़्तलिफ़ वजूहात के सबब पसेपुश्त डाल दिया गया ।

चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी अक़ल्लीयतों की तरक़्क़ी के बारे में संजीदा हैं लेकिन ओहदेदारों की लापरवाही से अक़ल्लीयती बहबूद की कारकर्दगी दिन बह दिन अबतर होती जा रही है ।

मुहम्मद अली शब्बीर ने चीफ़ मिनिस्टर को मुख़्तलिफ़ असकीमात का हवाला दिया और कहा कि उन पर अमल आवरी के सिलसिला में मुताल्लिक़ा इदारे फंड्स की कमी का बहाना बना रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद की कारकर्दगी को बेहतर बनाने की ज़रूरत है । मुहम्मद अली शब्बीर ने बताया कि अक़ल्लीयती फ़ीनानस कारपोरेशन और उर्दू एकेडेमी सिर्फ़ स्कालरशिपस की तक़सीम का काम अंजाम दे रहे हैं ।
रियासत के तमाम अज़ला में अक़ल्लीयती बहबूद के ओहदेदार तक नहीं हैं जो कि अमल आवरी का जायज़ा ले सकें ।

ज़िला कुलैक्टरस को भी अक़ल्लीयती बहबूद की असकीमात पर अमल आवरी में ख़ासी दिलचस्पी नहीं ।
हुकूमत की जानिब से बैंकर्स को अक़ल्लीयतियों को क़र्ज़ जारी करने की हिदायत दी जाती है लेकिन बैंक हुकूमत की इस हिदायत का कोई पास-ओ-लिहाज़ नहीं रख रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि अगर यही सूरत-ए-हाल रही तो महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद का वजूद भी बे माना हो कर रह जाएगा । उन्हों ने कहा कि रियासत में अक़ल्लीयतों की तरक़्क़ी के मुताल्लिक़ इदारे मख़लवा हैं ।

वक़्फ़ बोर्ड और हज कमेटी के सिवा-ए-दूसरे इदारों अक़ल्लीयती फ़ीनानस कारपोरेशन उर्दू एकेडेमी और अक़ल्लीयती कमीशन पर कई बरसों से तक़र्रुत नहीं किए गए । अगर उन पर तक़र्रुत किए जाएं तो असकीमात पर अमल आवरी में बेहतरी हो सकती है ।

चीफ़ मिनिस्टर ने तीक़न दिया कि वो इन तजावीज़ पर अमल आवरी की मसाई करेंगे और उन्हों ने मुहम्मद अली शब्बीर से ख़ाहिश की कि वो अक़ल्लीयती इदारों पर तक़र्रुत के सिलसिला में हुकूमत की रहनुमाई करें ।