फंसानेवाले सख्श को पहचान लूंगा : इंतेजार अली

रांची : इंतेजार अली ने कहा है कि वह बेगुनाह था, इसके बाद भी उसे 57 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। अखबार ने इस मामले को संजीदगी से लिया, जिस वजह से आज वह अपने अहले खाना के पास वापस लौटे।

इंतेजार के मुताबिक उन्हें फंसाने की कोई कसर नहीं छोड़ी गयी थी। एक अखबार से खास बातचीत में इंतेजार ने कहा तमाम अखबार को शुक्रिया। इंतेजार के मुताबिक उन्हें जिस सख्श ने फंसाया है, वह उसे देख कर पहचान लेंगे़। ट्रेन मेें चढ़ने के बाद उस सख्श ने उससे पूछा था कि भाई जान कहां जाना है। जब मैने कहा कि रांची। इंतेजार के मुताबिक जब वह सीट पर बैठ गये, तब वह सख्श सीट छोड़ कर चला गया था़।

उसने फंसाने के लिए बड़ा साजिश रचा था। ट्रेन में चढ़ने के कुछ देर बाद किता स्टेशन पर मेरी बैग की चेकिंग की गयी। बैग चेक कर मुझे वापस कर दिया गया़। मैं बैग का चेन लगा रहा था, तभी जांच कर रहे अफसरों ने कहा कि धमाके खेज आलात मिल गया़। धमाके खेज आलात कहां से अाया मुझे नहीं मालूम़। धमाके खेज आलात मेरी सीट के नीचे या ऊपर से नहीं निकाला गया था़। इंतेजार के मुताबिक बाद में मुझे सीआइडी ऑफिसर के पास पेश किया गया।

मेरे आला व बीपी की मशीनवाले बैग में 25 जिलेटीन स्टीक थे। उसके पहले मुझसे कई मुकामात पर साइन करवा लिया गया था़। बाद में मुझसे पूछा गया यह धमाके खेज आलात तुम्हारा है़। मैने कहा नहीं, तब उस सीआइडी ऑफिसर ने कहा कि जितनी तुम्हारी उम्र नहीं है, उससे ज़्यादा अफसरों ने जांच की है़। तुम्हारे बैग में धमाके खेज आलात है और कह रहे हो कि मेरा नहीं है़। जबरन धमाके खेज आलात मेरा बताया गया़। बहरहाल पुलिस को मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला़। अभी मैं जमानत पर बाहर हू़ं। अभी मुझे कानूनी लड़ाई लड़नी है़।