फगानिस्‍तान में ज्‍वॉइन्‍ट प्रोजेक्‍ट पर राजी हुए मोदी-जिनपिंग

वुहान : भारत और चीन दोनों ही अफगानिस्‍तान में एक ज्‍वॉइन्‍ट इकोनॉमिक प्रोजेक्‍ट पर राजी हो गए हैं। पीएम मोदी का चीन दौरा शुरू होने से पहले ही पाकिस्‍तान थोड़ा घबराया हुआ था। पाक की ओर से दौरा शुरू होने के ठीक पहले कहा था कि चीन के साथ उसका रिश्‍ता आपसी भरोसे का है और इस पर कभी कोई आंच नहीं आ सकती है। वहीं चीन ने भी पाक से कहा था कि उसे पीएम मोदी के इस दौरे से घबराने की जरूरत नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों की ओर से कहा गया है कि दोनों देशों के बीच इस ज्‍वॉइन्‍ट प्रोजेक्‍ट पर दो दिनों तक चली मीटिंग में चर्चा हुई जो कि शनिवार को खत्‍म हो रही है। दोनों देश आपसी चर्चा के बाद इस नतीजे पर पहुंचेंगे कि यह प्रोजेक्‍ट कैसा होगा और फिर साथ में मिलकर इस पर काम करेंगे। पिछले कइ वर्षों से युद्ध का सामना कर रहे अफगानिस्‍तान में इस तरह का यह पहला प्रोजेक्‍ट होगा।

चीन-अफगानिस्‍तान में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है। हालांकि रणनीतिक तौर पर चीन हमेशा पाकिस्‍तान का समर्थक रहा है। पाकिस्‍तान पर हमेशा हर अमेरिका और अफगानिस्‍तान पर तालिबानी आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगता रहा है। तालिबान अफगानिस्‍तान में हुए कई आतंकी हमलों का जिम्‍मेदार है। हाल ही में तालिबान ने शांति वार्ता से साफ इनकार कर दिया है और कहा है कि अब विदेशी सेनाओं पर और हमले होंगे।

पिछले वर्ष दिसंबर में चीन ने पहली बार अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रियों के साथ त्रिपक्षीय मुलाकात का आयोजन राजधानी बीजिंग में किया था। इस मीटिंग का मकसद दोनों देशों के बीच मौजूद मतभेदों को कम करना था। चीन ने भी ऐलान किया है कि वह चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) को अफगानिस्‍तान तक लेकर जाना चाहता है।