नई दिल्ली
लोक सभा में कांग्रेस के अरकाने पार्लियामेंट का बयान
देमापूर में इस्मत रेज़ि के एक मुल्ज़िम को बहीमाना तरीके पर मौत के घाट उतार देने का मसला आज लोक सभा में गूंज उठा। जब कि आसाम के कांग्रेस अरकान ने इस मामले पर हुकूमत नागालैंड की नाकामी से ताबीर किया। वक़फ़ा- ए- सिफ़र के दौरान ये मसला उठाते हुए गुरू वग्गो गोई ( कांग्रेस ) ने कहा कि नागालैंड हुकूमत अभी तक ये बयान नहीं दिया कि आया मुल्ज़िम फरीद ख़ां ने जुर्म का इर्तिकाब किया है यह नहीं।
जब कि अदालत ने उसे सज़ा नहीं सुनाई है। उन्होंने कहा कि जेल की हिफ़ाज़त के लिये मुतय्यन मर्कज़ी फोर्सेस मुल्ज़िम को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करने से क़ासिर थीं । ये दावा करते हुए इस्मत रेज़ि का मुल्ज़िम सय्यद फरीद ख़ां हिन्दुस्तानी शहरी था ना कि बंगला देशी। मिस्टर गोगोई ने बताया कि इस इलाक़े में मुसलमानों को बंगला देशी तसव्वुर यह जाता है जब कि फरीद ख़ां का ताल्लुक़ एक फ़ौजी के ख़ानदान से था।
सुष्मिता देव (कांग्रेस ) ने शुमाली मशरिक़ी इलाक़े में शिद्दत पसंदी के बढ़ते हुए असरात पर तशवीश का इज़हार करते हुए कहा कि इसे रोकने की ज़रूरत है। रतन देखा ( बी जे पी ) ने कहा कि जब भी इस तरह के वाक़ियात पेश आते हैं बाज़ मख़सूस बिरादरियों में ये रुजहान ग़ालिब आजाता है कि मुत्तहिद हो कर उसे दूसरा रंग दिया जाये। उन्होंने इस तरह के रुजहानात की रोक थाम पर ज़ोर दिया।