फर्जी एनकाउंटर मामला: जेल के 150 गार्डों में से 80 करते हैं मंत्रियों के घर की पहरेदारी!!

भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल में कार्यरत जेल गार्ड्स की ड्यूटी यूं तो कैदियों पर नजर रखने की है, लेकिन इसमें से कई गार्ड्स सिर्फ अफसरों और मंत्रियों के घर की सेवा में लगे रहते हैं। वैसे तो भारत में ऐसा होना कोई बात नई नहीं है क्योंकि अक्सर छोटे पदों पर काम रहे अधिकारियों को बड़े अफसरों के पर्सनल काम भी करने पड़ते हैं। लेकिन चौकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं जिससे पता चल रहा है कि करीब 80 जेल गार्ड्स की ड्यूटी विभिन्न अफसरों और मंत्रियों के घर पर होती है। इस मामले में जेल डीजी संजय चौधरी का कहना है कि इस बात को गलत बताते हुए कहा कि यह जानकारी कहा से सामने से आई है मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही इतने सारे गार्ड्स की ड्यूटी बंगलों पर लगाई जाती है। आप खुद ही सोचिए 150 जेल गार्ड्स है ऐसे में 80 कैसे बंगलों पर लगाए जा सकते हैं।

गौरतलब है कि पुलिस के ब्यान के मुताबिक दीवाली की रात को आठ सिमी कैदियों ने दातुन से बनी चाबियों की मदद ली, स्टील की प्लेटों से एक गार्ड का गला रेत दिया और चादरों को जोड़कर 30-30 फुट ऊंची दो दीवारें को फांदकर फरार हो गए थे। लेकिन पुलिस के इस ब्यान को ज़्यादातर लोग मानने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि पुलिस द्वारा बनाई गयी कहानी हजम होने लायक लग नहीं रही है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन हरकतों पर किसी की नज़र क्यों नहीं पड़ी। जेल से भागने के बाद सभी कैदी जेल से १० किलोमीटर दूर तक पैदल ही क्यों गए ? और सभी एक ही दिशा में क्यों गए ? इसके इलावा एनकाउंटर के बाद सामने आए मुठभेड़ के वीडियो की वजह से कार्रवाई पर कई सवालिया निशान लगे हैं, जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एक पूर्व जज द्वारा जेलब्रेक तथा मुठभेड़ की जांच करवाने के आदेश दे दिए हैं।