फर्जी कंपनियां बनाकर ब्लैकमनी खपाने की गतिविधियों के खिलाफ एक्शन में सरकार, 1 लाख कंपनियां बंद

नई दिल्ली.    शेल (फर्जी) कंपनियां बनाकर ब्लैकमनी खपाने की गतिविधियों के खिलाफ मोदी सरकार मुहिम चला रही है। इस कार्रवाई के तहत पिछले एक महीने में देशभर की एक लाख से ज्यादा कंपनियां बंद हुई हैं। कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री से moneybhaskar.com को ये जानकारी मिली है। इसे 10 साल में हुई सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। इनमें ऐसी कंपनियों की हिस्सेदारी है, जो किसी तरह की एक्टिविटी नहीं करतीं।
– मिनिस्ट्री से मिली डिटेल के मुताबिक, जून में 1.03 लाख से ज्यादा कंपनियां बंद हुईं, जो एक रिकॉर्ड है। पहले आमतौर पर एक महीने में 3-4 हजार ऐसी कंपनियां बंद होती थीं।
– सूत्रों ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में कंपनियों के बंद होने की वजह रजिस्टार ऑफ कंपनीज ऑफिस की सख्त कार्रवाई है। संदिग्ध कंपनियों को टारगेट किया जा रहा है। इसके साथ ही कई कंपनियों ने सेक्शन 248 के तहत कंपनी बंद करने का प्रपोजल भी दिया है।
अब तक 4 लाख से ज्यादा कंपनियां बंद
महीना
बंद कंपनियों की संख्या
मई
3,05386
जून
4,09188
एक महीने में बंद हुई कंपनियों की संख्या
1,03802
ब्लैकमनी का होता है इस्तेमाल
– मोदी सरकार लगातार ऐसी कंपनियों पर एक्शन ले रही है, जो केवल ब्लैकमनी खपाने के लिए बनाई जाती हैं। ऐसी कंपनियों को शेल कंपनी कहा जाता है. जो आमतौर पर एक नॉर्मल कंपनी की तरह काम नहीं करती। इनमें सिर्फ ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए पैसों का लेन-देने होता है।
– शेल कंपनियों को राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स इस्तेमाल करते हैं। सरकार के सख्त रवैये के चलते कई कंपनियों के मालिकों ने खुद इन्हें बंद कराना चाहते हैं।