फर्जी देशभक्ति का भंडाफोड़, ‘बीजेपी कार्यकर्ता’ निकला पाकिस्तानी जासूस

दिल्ली/जोधपुर: पाकिस्तान हाई कमीशन से चल रहे जासूसी नेटवर्क में पकड़ा गए जासूस शोएब हुसैन के पकड़े  जाने के बाद कई बातों का खुलासा हुआ है। शुरूआती पूछताश और सीबीआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह जासूस खुद को बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में पेश करता था। वह खुद को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे का कार्यकर्ता बता बड़े नेताओं से मिलता और उनके साथ फोटो लेकर फेसबुक पर अपलोड करता था।

यह जासूस सच में बीजेपी कार्यकर्ता था या नहीं इस बात को लेकर मीडिया और जनता दो हिस्सों में बंटती हुई नजर आ रही है। जनता और मीडिया के एक पक्ष का कहना है कि बिना गहरे संबंधों के किसी भी पार्टी कार्यकर्ता का हाईकमान के नेताओं के इतने करीब पहुँच पाना नामुमकिन है। जबकि बीजेपी के हितैषी मीडिया दल का मानना है कि यह शख्श धोखे से बीजेपी कार्यक्रमों में घुसता था। बीजेपी का यह भी कहना है कि शोएब का पार्टी से कोई संबंध नहीं, वो तो पार्टी का सक्रिय सदस्य भी नहीं है लेकिन अगर देखा जाए तो बीजेपी के पास इस मुद्दे पर अपने बचाव में बोलने के लिए और कोई बयान भी तो नहीं है।

आपको बता दें कि शोएब जयपुर और दिल्ली जाकर भी बीजेपी कार्यक्रमों में बतौर कार्यकर्ता शामिल होता रहा है। डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पार्रीकर और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जैसे कई बड़े नेताओं के साथ ली गईं उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी मौजूद हैं। इसके बावजूद बीजेपी नेता देवेंद्र जोशी व महामंत्री मुकेश लोढ़ा आदि कह रहे हैं कि जासूसी में पकड़े गए शोएब हुसैन का कभी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं रहा है।

बीजेपी से संबंधित लोगों का कहना है कि शोएब इन फोटोज को फेसबुक पर इसलिए डालता था ताकि लोग उसे बीजेपी वर्कर ही समझें और नेताओं से नजदीकियाें का फायदा मिल जाए लेकिन क्या आम आदमी के लिए इतनी सुरक्षा परतों को भेद पाना संभव है इस बात का जवाब शायद किसी भाजपाई के पास नहीं।वहीँ दूसरी और शोएब का कहना है कि उसका जासूसी से कोई लेना देना नहीं है, वह तो कमीशन लेकर लोगों का वीजा बनाने का काम करता है जिसके सिलसिले में वो दिल्ली के कुछ लोगों को जानता है और उसे बेवजह फंसाया जा रहा है। शोएब के पिता मोहम्मद हुसैन का कहना है कि उनका परिवार 25 सालों से पाकिस्तान का वीजा बनाने में दलाली का काम कर रहा है उनका जासूसी से कोई लेना देना नहीं है।