तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप इर्दोआन ने अमरीका में रहने वाले 75 वर्षीय धर्म प्रचारक फ़तहुल्लाह गुलेन के प्रत्यर्पण की मांग की है। तख़्तापलट की कोशिश के नाकाम होने के 24 घंटे के भीतर संसद के विशेष सत्र के बाद संसद के बाहर इर्दोआन ने अपने समर्थकों को संबोधित किया।
इस्तांबुल के तक़सीम चौराहे पर और कई अन्य शहरों में सड़कों पर बड़ी संख्या में इर्दोआन के समर्थक जमा हुए हैं। ये लोग तख़्तापलट की कोशिश करने वालों के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं।
तुर्की की सरकार ने गुलेन पर सरकारी तंत्र के समानांतर व्यवस्था खड़ी करने की कोशिश का आरोप लगाया है। अमरीका ने तुर्की से कहा है कि अगर उसके पास धर्म प्रचारक गुलेन के ख़िलाफ़ कोई भी सबूत हो तो वो उसके साथ साझा करे।
हालांकि फ़तहुल्लाह गुलेन ने इस तख़्तापलट में किसी भी भूमिका से इनकार किया है। 75 वर्षीय धर्म प्रचारक ने कहा कि वो तख्तापलट के षडयंत्र की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
तुर्की में तख़्तापलट की कोशिश नाकाम रहने के बाद कई वरिष्ठ अधिकारियों समेत 2,839 सैनिकों को गिरफ़्तार किया गया है। तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम ने कहा कि तख़्तापलट की कोशिश को तुर्की के लोकतांत्रिक इतिहास में काला धब्बा करार दिया है।
उन्होंने बताया कि 161 आम लोगों की मौत हो गई है और 1,440 लोग घायल हुए हैं। तुर्की के मीडिया के अनुसार सेना दो वरिष्ठतम जनरलों को भी गिरफ़्तार किया गया है।
सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2,745 जजों को हटाया गया है, इनमें तुर्की की उच्चतम अदालत के जज भी शामिल हैं।