हैदराबाद 05 जुलाई: फ़तह मैदान चियापल रोड जैसे इलाके में तक़रीबन दो हज़ार गज़ अराज़ी और फिर इस पर एक क़दीम-ओ-शानदार इमारत किसी इदारे की मिल्कियत बनादी जाये तो वो इदारा क़लब शहर में वाक्ये इस इमारत को एक एसी अज़ीमुश्शान बुलंद-ओ-बाला इमारत में तबदील करदेगा जिस की क़ीमत 100 ता 200 करोड़ रुपये होजाएगी।
क़ारईन आप को ये जान कर हैरत होगी कि क़लब शहर में एसी दर्जनों मोफू का जायदादें हैं जिन से जानबूझ कर लापरवाही बरता जा रहा है चंद अनासिर अपने शख़्सी मुफ़ादात की तकमील के लिए इस तरह की क़ीमती जायदादों की सौदेबाज़ी करने से गुरेज़ तक नहीं कररहे हैं हालाँके वो जानते हैंके ज़िंदगी बहुत मुख़्तसर है और हर चीज़ खत्म होने वाली है , हम आज आप को इंतेहाई ख़ूबसूरत इमारत अली मंज़िल के बारे में वाक़िफ़ करवाते हैं।
रियास्ती हज हाउज़ के पीछे हिस्से में वाक्ये इस मौक़ूफ़ा जायदाद को हड़पने की कोशिश की जा रही है। हमारे ज़राए से जब हमें इत्तेला मिली के अली मंज़िल जो हुसाम उद्दिन ट्रस्ट के तहत है और इस मौक़ूफ़ा जायदाद की मुआमलत होचुकी है हम ने बिना किसी ताख़ीर के इस बारे में तहक़ीक़ात शुरू करदी और इस दौरान कई एक इन्किशाफ़ात होते गए।
उन लोगों के भी नाम सामने आगए जो इस क़ीमती मोफू का जायदाद को ठिकाने लगाने में सरगर्म हैं। इस बात का भी पता चला कि चंद लोगों के पास अली मंज़िल के काग़ज़ात की नक़ूल हैं जिस के ज़रीये वो शहर के मुतमव्विल लोगों को इस जायदाद की ख़रीदी के लिए आमादा करने की कोशिश कररहे हैं ता कि जायदाद की फ़रोख़त पर माक़ूल कमीशन हासिल होसके।
बाअज़ ज़राए से ये भी मालूम हुआ हैके इस क़ीमती जायदाद की मुआमलत करली गई है लेकिन हमारे एक और ज़राए का कहना हैके अभी मुआमलत नहीं हुई है बल्कि इस सिलसिले में बातचीत जारी है।
हम अली मंज़िल जैसी इमारत का जायज़ा लेने वहां पहूंचे तो इमारत की ख़ूबसूरती महल वक़ूअ अंदाज़ तामीर को देख कर हैरान रह
गए।
1365 हमें तामीर हुई ये इमारत दो हिस्सों में बटी हुई है एक इमारत तीन मंज़िला है और दूसरी दो मंज़िला उनकी खिड़कियां बालकोनीयाँ और उन पर किया गया चोबी काम देखने से ताल्लुक़ रखता है।
अली मंज़िल मौक़ूफ़ा जायदाद के एक छोटे से हिस्से को किराया पर दिया गया है और वहां एक ग़ैर मुस्लिम मुक़ीम है ताहम हमारे वहां पहुंचने से पहले ही वो अपने मकान पर ताला डाले वहां से जा चुका था ,अली मंज़िल का पीछ्ले हिस्से में मौजूद इमारत खन्डर में तबदील होचुकी है।
इस ग़ैरमामूली क़ीमती मौक़ूफ़ा जायदाद के बग़ौर जायज़ा के बाद उसकी मार्किट क़दर मालूम करने के लिए हम ने शहर के चंद मशहूर बिल्डर्स और रीयल स्टेट ताजरीन से बात की उन लोगों के ख़्याल में फ़तह मैदान जैसे मुक़ाम पर 1815.7 गज़ ज़मीं की क़ीमत तक़रीबन 30 करोड़ रुपये होसकती है।
ये तो सिर्फ़ ज़मीं की क़ीमत है इस पर आलीशान इमारत भी तामीर की जा सकती है जिस की क़दर कई सौ करोड़ रुये तक पहुंच सकती है।
वाज़िह रहे कि इस इमारत का बलदी नंबर 5-9-87है। वक़्फ़ गज़्ट का जायज़ा लेने से पता चलता हके ये एक क़दीम इमारत है जिस को हज़रत अल्हाज मौलाना शाकिर वलद मुला अल्हाज वली मुहम्मद हज़रत अल्हाज मौलाना सयद नसीर उल्लाह वलद सय्यद मुनहिद उल्लाह वलद हज़रत अल्हाज सयद फ़तह उल्लाह साकन सुलेमानी मस्जिद बारह गली हुसैनी अलम ने 1965 में वक़्फ़ करवाया था।
हमारी अपनी तहक़ीक़ के दौरान ये बात भी सामने आई कि दफ़्तर वक़्फ़ बोर्ड के बिलकुल अक़ब में वाक़ये इस क़ीमती मौक़ूफ़ा जायदाद की फ़रोख़त में वक़्फ़ बोर्ड के तीन अहम शख्सियतें और बाहर यानी बोर्ड से ताल्लुक़ ना रखने वाले दो अफ़राद सरगर्म रोल अदा कररहे हैं।