डॉक्टर अय्याज़ सिराज जो ग़ज़ा के मुतवत्तिन माहिरे नफ़्सीयात और मुमताज़ फ़लस्तीनी इंसानी हुक़ूक़ कारकुन थे, ख़ून के कैंसर के ख़िलाफ़ तवील जद्दो जहद के बाद 69 साल की उम्र में इंतिक़ाल कर गए। वो 1939 में बर्तानवी दौरे इक्तेदार में पैदा हुए थे।
उनका ख़ानदान चार साल बाद ग़ज़ा पट्टी से फ़रार हो गया था जबकि इसराईल के क़ियाम के लिए जंग छिड़ गई थी। सिराज बैनुल अक़वामी शोहरत याफ़्ता शख़्स थे।