फ़लस्तीनी क़ैदीयों को मशकूक अदवियात(दवा) देने का इन्किशाफ़

यरूशलम 1 डिसमबर ( एजैंसीज़) फ़लस्तीन में इंसानी हुक़ूक़ और क़ैदीयों केलिए काम करनेवाली एक तंज़ीम ने इन्किशाफ़ किया है कि इसराईली जेल इंतिज़ामीया फ़लस्तीनी क़ैदीयों पर ज़ाइद मियाद और मशकूक अदवियात इस्तिमाल कर रही है, जिस के बाइस मरीज़ फ़लस्तीनी जांबर होने के बजाय ज़्यादा तशवीशनाक हालात से दो चार हो रहे हैं।

मर्कज़ इत्तिलाआत फ़लस्तीन के मुताबिक़ इसराईली जेल रमला में ज़ेर-ए-हिरासत एक फ़लस्तीनी क़ैदी अलाउद्दीन हसोना ने इंसानी हुक़ूक़ के मंदूब और वकील फ़ादी अबीदात को जेल के दौरे के दौरान बताया कि दौरान क़ैद उसे एक ख़तरनाक नौईयत का मर्ज़ लाहक़ हुआ, जिस पर इस ने इंतिज़ामीया से दवाई का कहा। इस पर जेल इंतिज़ामीया ने उसे ज़ाइद उल-मियाद अदवियात खिलाईं, जिस के बाइस इस का मर्ज़ मज़ीद कई गुना बढ़ गया।

फ़लस्तीनी क़ैदी का कहना था कि इन के साथ एक दूसरे क़ैद-ए-तनहाई में डाले गए क़ैदी को भी इसी तरह की मशकूक अदविया दी गईं जिस के बाइस उस की हालत मज़ीदबिगड़ गई। फ़लस्तीनी क़ैदी ने इंसानी हुक़ूक़ के मंदूब को बताया कि मर्ज़ के शिद्दत इख़तियार करने के बावजूद तीन दिन तक सयहुनी हुक्काम ने उसे दवाई से महरूम रखा, जिस के बाइस इस के जिस्म में मौजूद मदाफ़अती ग़दूद भी जवाब दे गई। फ़लस्तीनी असीर ने बताया कि रमला जेल में एक दर्जन फ़लस्तीनी असीरान को क़ैद-ए-तनहाई में डाला गया है।