हिंदूस्तान ने आज फ़लस्तीन के लिए 10 मिलियन अमरीकी डालर के मदद का ऐलान किया और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की मुकम्मल और मसावियाना रुकनीयत के लिए फ़लस्तीन की मसाई(कोशिश) के लिए अपनी हिमायत का अह्द किया।
वज़ीर-ए-आज़म (प्रधानमंत्री )मनमोहन सिंह और सदर फ़लस्तीनी क़ौमी अथॉरीटी महमूद अब्बास ने कई बाहमी(आपसी) मसाइल पर जामे बात चीत मुनाक़िद की और इलाक़ाई तब्दीलियों बिलख़सूस मग़रिबी एशिया-ए-और ख़लीजी ख़ित्ते(इलाके) की तब्दीलियों के बारे में तबादला ख़्याल किया।
बात चीत के बाद तीन मुआहिदों पर दस्तख़त भी किए गए जिन में शोबा-ए-इन्फॉर्मेशन टैक्नालोजी से मुताल्लिक़ मुआहिदा शामिल है।
डाक्टर सिंह ने अब्बास के साथ मुशतर्का(साझा) सहाफ़ती मुलाक़ात में कहा कि फ़लस्तीनी काज़ के लिए हिमायत हिंदूस्तान की ख़ारिजा पॉलीसी की अहम चीज़ रही है। मैं हिंदूस्तान की फ़लस्तीनी अवाम की जद्द-ओ-जहद के लिए ठोस ताईद का इआदा करता हूँ ताकि वो मुक़तदिर आला , आज़ाद , कारगर और मुत्तहदा ममलकत फ़लस्तीन हासिल कर सकें जिस का दार-उल-हकूमत (रजधानी)मशरिक़ी यरूशलम हो।
वज़ीर-ए-आज़म (प्रधानमंत्री ) ने कहा कि हिंदूस्तान ने आज़ाद फ़लस्तीन की ताईद की है जो सलामत और मुस्लिमा सरहदों के अंदरून और इसराईल के साथ पुरअमन पड़ोसी के तौर पर अपनी ज़िंदगी गुज़ारे। उन्हों ने ये ऐलान भी किया कि हिंदूस्तान इस साल के लिए फ़लस्तीन के बजट में 10 मिलियन अमरीकी डालर मदद देगा
ताकि वो अपनी मालियती ज़रूरियात से निमट सके। उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान ममलकत फ़लस्तीन को हक़ीक़त बनते देखना चाहता है जिस का दार-उल-हकूमत (रजधानी)मशरिक़ी यरूशलम हो, और जो इसराईल के साथ पुरअमन तौर पर पड़ोसी की हैसियत से क़ायम रहे।
मिस्टर मुकर्जी ने निशानदेही की कि हिंदूस्तान के फ़लस्तीन के तएं अह्द को किसी और ने नहीं बल्कि महात्मा गांधी ने ख़ुद हिंदूस्तान की आज़ादी के लिए जद्द-ओ-जहद के दिनों में आवाज़ दी थी।
उन्हों ने कहा , 1936 -में हमारे इज़हार यगानगत के तौर पर यौम फ़लस्तीन हिंदूस्तान में मनाया गया। आज़ाद हिंदूस्तान के इबतिदाई बरसों में हमारी पॉलीसी और फ़लस्तीनी काज़ के लिए हिमायत को हमारे पहले वज़ीर-ए-आज़म (प्रधानमंत्री )पण्डित जवाहरलाल नहरू की क़ियादत में तक़वियत दी गई।