फ़साद की असल साज़िश बेनकाब?

शहर में फ़साद बरपा करने की साज़िश बेनकाब होगई है ? । मादन्ना पेट इलाक़ा में वाक़ै हनूमान मंदिर में बड़े जानवर के अजज़ा( ) वगैरह एक मुनज़्ज़म मंसूबे के तहत डाले गए और शहर की फ़िज़ा को मुकद्दर कर दिया गया । बावसूक़ ज़राए से मालूम हुआ है कि गैर मुस्लिम नौजवानों के एक ग्रुप ने ये साज़िश रची थी और सारी तफ़सीलात अपने मोबाईल फोन्स के ज़रीया तए करते हुए अपने मंसूबा को अमली जामा पहनाया ।

उन्हों ने तए शूदा तफ़सीलात के मुताबिक़ पहले से मुतय्यन पुलिस पिक़्टस को वहां से बरख़ास्त करते ही हरकत में आते हुए मंदिर में बड़े जानवर के अजज़ा और हरा रंग वगैरह फेंका । फिर अचानक ही इस को मज़हबी दिल आज़ारी क़रार देते हुए शहर की फ़िज़ा को ख़राब कर दिया गया । मालूम हुआ है किएइस बी इंटेलिजेंस वगैरह ने इस सिलसिला में पाँच गैर मुस्लिम नौजवानों की शनाख़्त करली है और उन्हें मुबय्यना तौर पर हिरासत में भी ले लिया है ।

पुलिस अमला उन से पूछताछ में मसरूफ़ है ताकि इस सारी साज़िश को और इस की तफ़सीलात और इस के पसेपर्दा सरगर्म अनासिर को बेनकाब किया जा सके । ज़राए से मालूम हुआ है कि ये वही अश्रार हैं जो गुज़शता तीन महीनों से मादन्ना पेट के आस पास के इलाक़ों में

मुस्लमानों की दो पहिया गाड़ियां नज़र-ए-आतिश कर रहे थे लेकिन वो पुलिस के जाल से बचे हुए थे । ये भी मालूम हुआ है कि यही नौजवान शहर में दूसरे मुक़ामात पर भी पेश आने वाले फ़िर्का वाराना नौइयत के वाक़ियात में भी मुलव्विस हैं । पुलिस उन से तफ़सीलात मालूम करने कोशां है ।