साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर जम्मू-ओ-कश्मीर-ओ-सरपरस्त नेशनल कान्फ़्रेंस फ़ारूक़ अबदुल्लाह अगर पाकिस्तान के साथ मिलालेते तो वे वहां के वज़ीर-ए-आज़म बन सकते थे
उन्हें फांसी पर लटकाए जाने का ख़दशा भी दर पेश था। सदर समाजवादी पार्टी मुलाइम सिंह यादव ने आज कहा कि फ़ारूक़ अबदुल्लाह की जानिब से पाकिस्तान में शामिल से इनकार ख़ुद उनके हक़ में बेहतर साबित हुआ। लोक सभा में मर्कज़ी वज़ीर फ़ारूक़ अबदुल्लाह पर तन्क़ीद करते हुए मुलाइम सिंह यादव ने कहा कि एक बार अबदुल्लाह ने उनसे कहा था कि वो पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म बन सकते थे अगर उन की पार्टी आज़ादी के बाद पाकिस्तान की ताईद करती।
मुलाइम सिंह यादव ने कहा कि फ़ारूक़ अबदुल्लाह को ये भी एहसास होना चाहिए कि पाकिस्तान में वजीर ए आज़म को फांसी देने की भी एक तारीख़ है अगर फ़ारूक़ अबदुल्लाह भी वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान बनते तो उन्हें भी ऐसा ही ख़तरा दरपेश होता । वो साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान भुट्टो का हवाला दे रहे थे जिन्हें 30 साल पहले फांसी पर लटका दिया गया।