महिकमा अक़लियती बहबूद तेलंगाना ने हुकूमत की तरफ से 1000 करोड़ रुपये मुख़तस करने के फ़ैसले के बाद बजट की तैयारीयों और खासतौर पर नई इस्कीमात पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ का आग़ाज़ कर दिया है।
मुत्तहदा रियासत में अक़लियती बहबूद का बजट 1027 करोड़ था लेकिन टी आर एस हुकूमत ने तेलंगाना में अक़लियती बहबूद के लिए एक हज़ार करोड़ रुपये मुख़तस करने का फ़ैसला किया है।
इस फ़ैसले से एक तरफ़ अक़लियती बहबूद के ओहदेदार बजट की तैयारी और मुख़्तलिफ़ इदारों में तक़सीम में मसरूफ़ होचुके हैं तो दूसरी तरफ़ फ़ीस बाज़ अदायगी इस्कीम की बरख़ास्तगी से तलबा और कॉलेजस के इंतेज़ामीया में तशवीश देखी जा रही है।
हुकूमत ने अगरचे यकीन दिया है कि नई इस्कीम से तेलंगाना के तलबा मुतास्सिर नहीं होंगे लेकिन एसे कॉलेजस जो इस इस्कीम के नाम पर बे क़ाईदगियों में शामिल थे उनके वजूद को ख़तरा लाहक़ होसकता है।
महिकमा अक़लियती बहबूद के अलावा एससी, एसटी और बी सी वेलफेयर के ओहदेदारों ने एतेराफ़ किया कि फ़ीस रेिंबर्समेंट के नाम पर मुख़्तलिफ़ कॉलेजस भारी रक़ूमात हासिल कररहे थे।
ओहदेदारों ने बताया कि कॉलेजस की मुबय्यना बे क़ाईदगियों के बारे में तफ़सीली रिपोर्ट चीफ़ मिनिस्टर चन्द्रशेखर राव को पेश की गई है। बताया जाता हैके एससी, एसटी, बी सी और अक़लियत से मुताल्लिक़ तलबा के नाम पर कई सौ करोड़ रुपये की बे क़ाईदगियों का इन्किशाफ़ हुआ जिस के बाद हुकूमत ने इस इस्कीम को मंसूख़ करने का फ़ैसला किया।
ओहदेदारों ने बताया कि कई एसे कॉलेजस हैं जो फ़र्ज़ी तलबा की लिस्ट पेश करते हुए फ़ीस रेिंबर्समेंट के तहत हर साल लाखों रुपये हासिल कररहे थे।
उन्होंने बताया कि दूरदराज़ के इलाक़ों में वाक़्ये कॉलेजस तलबा को स्कालरशिप का लालच दे कर दाख़िले के लिए तैयार करलेते और उनके नाम फ़ीस बाज़ अदायगी इस्कीम के लिए रवाना किए जाते।
ये तलबा साल भर कभी भी कॉलेज में क्लासेस में शिरकत नहीं करते और रास्त तौर पर इमतेहान के मौके पर हाज़िर होते। ओहदेदारों के मुताबिक़ बाज़ कॉलेजस में तलबा इमतेहान में भी शिरकत ना करते लेकिन मुताल्लिक़ा महिकमा से फ़ीस बाज़ अदायगी की इरक़म हासिल करली जाती।