फ़ैक्ट्री कारकुनों के तहफ़्फ़ुज़ से ग़फ़लत(लापरवाही) की सज़ा सिर्फ़ 500 रुपय

फ़ैक्ट्री ऐक्ट 1934-ए-के तहत किसी भी हादिसे की सूरत में फ़ैक्ट्री के मालिक को सिर्फ 500 रुपय जुर्माना अदा करना होगा। फ़ैक्ट्री ऐक्ट 1934-ए-अंग्रेज़ों के ज़माने का क़ानून है जिस में तरामीम तो की गईं लेकिन इन क़वानीन को नहीं बदला गया।

ऐक्ट में मज़ीद लिखा है कि अगर फ़ैक्ट्री के मालिक के ख़िलाफ़ दूसरी दफ़ा ग़फ़लत साबित हुई तो ये जुर्माना 750 रुपय हो सकता है और अगर तीसरी दफ़ा ग़फ़लत साबित हुई तो जुर्माना 1000 रुपय है। ये बहुत बड़ा वाक़िया था जिस की वजह से सब हरकत में आए और दफ़ा 3402 के तेहत क़तल का मुक़द्दमा दर्ज हुआ, जो ऐसे वाक़ियात पेश आते रहते हैं जिस में कोई झुलस कर जलता है या अपनी जान खो बैठता है

इस में मुल्ज़िम या मालिक इस लिए बच जाते हैं क्योंकि फ़ैक्ट्री ऐक्ट के तेहत सज़ाही कम है। 2004ए- से 2009-ए-के दरमियान सनअतों में ढाई हज़ार हादिसे हुए हैं जिन में कम से कम 252 मज़दूर हलाक और 577 ज़ख़मी हुए हैं लेकिन कोई बड़ा मुक़द्दमा दर्ज नहीं किया गया। माहिरीन का कहना है कि इस क़ानून में मज़ीद तरामीम करने की ज़रूरत है ताकि फ़ैक्ट्री मालिकान हिफ़ाज़ती क़वानीन पर
अमल करें।