फ़ौजी क़ियादत पर इल्ज़ाम,15दिन बाद वज़ीर-ए-आज़म का शक दूर हुआ

कराची 27 जनवरी (ए पी) वज़ीर-ए-आज़म गिलानी ने एक और ब्यान एक और फ़ैसला वापिस लिया, वज़ीर-ए-आज़म गिलानी ने कहा कि एक इबहाम था जिस की बुनियाद पर उन्हों ने ग़ैरमुल्की न्यूज़ एजैंसी को इंटरव्यू में फ़ौज के सरबराह और आई ऐस आई सरबराह पर आईण और क़ानून तोड़ने का इल्ज़ाम लगाया था। वज़ीर-ए-आज़म का ये ब्यान इदारों में तास्सुब को बढ़ाने में काम आया था और वाज़ेह तौर पर लगता था कि पाकिस्तान में इदारों में टकराओ होगया है।

इन का ये ब्यान भी था कि रियासत के अंदर रियासत काम कर रही है और अब इस ब्यान को वापिस ले लिया गयाहै, वज़ीर-ए-आज़म ने ये ब्यान आज सह पहर डीववस रवानगी से क़बल वापिस लिया।वज़ीर-ए-आज़म गिलानी को ये ब्यान वापिस लेने में 15 रोज़ लगे, इस दौरान वज़ीर-ए-आज़म का इबहाम कैसे दूर हुआ,उन्हों ने ये नहीं बताया। ये सब इस मीवगीट केस की वजह से हुआ जब डी जी आईऐस आई और आर्मी चीफ़ ने सुप्रीम कोर्ट में ब्यान दर्ज किराया कि मेमो गेट हक़ीक़त है और दो रोज़ बाद वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि मेमो गेट महिज़ एक काग़ज़ का टुकड़ा है।

रोज़ बाद वज़ीर-ए-आज़म ने क़ौमी असमबली में एक और ख़िताब में फ़ौज पर इल्ज़ाम लगाया कि रियासत के अंदर रियासत काम कररही है और उनकी हुकूमत उस को तस्लीम नहीं करेगी। 1जनवरी को अफ़्वाज पाकिस्तान का ब्यान सामने आया जिस में कहा गया कि इस ब्यान के संगीन और ख़तरनाक नताइज होसकते हैं।मुबस्सिरीन का कहना है कि अभी भी हालात दरुस्त नहीं हुए और वज़ीर-ए-आज़म गिलानी का इमेज बहुत मुतास्सिर हुआ है।पारलीमनटीरीन ने भी वज़ीर-ए-आज़म के ब्यान पर तन्क़ीद की।

तजज़िया कार फ़र्ख़ सलीम ने कामरान ख़ान से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि जो रसा कशी हुकूमत और फ़ौज के दरमयान चल रही थी इस में पीपल्ज़ पार्टी की कोशिश ये है कि वो अपनी ताक़त का सिक्का पूरी रियासत पर पूरी तरह जमा दे।पीपल्ज़पार्टी की कोशिश है कि जो आईनी रियासत पाकिस्तान कई बरस रही है इस को जारी रखा जाय।फ़ौज को एक आईनी रियासत बनाया जाय।अभी फ़ौज और हुकूमत के दरमयान जारी रसा कुशी में कमी आई है मगर ये ज़्यादा देर जारी नहीं रहेगी।

उन्हों ने कहा पूरा मुल़्क एक अजीब सी मुश्किल में है और बहुत से पाकिस्तानी समझते हैं कि ये मुंतख़ब हकूमत-ए-पाकिस्तान के मुफ़ाद में काम नहीं कररही।दूसरी तरफ़ अदलिया है और इस की कोशिश है कि एक आईनी रियासत क़ायम की जाय और तीसरी तरफ़ फ़ौज आजाती है और फ़ौज इस बार शायद कनफ़ीवड़ है और वो हुकूमत को इस सिम्त नहीं ले जा पा रही जिस की पाकिस्तान को ज़रूरत है। इन तीनों इदारों को अपने मुफ़ाद से बालातर हो कर कुछ करना होगा।