फ़्रांसीसी मैगज़ीन में फिर गुस्ताखाना कार्टून

तुर्की ने तंज़-ओ-मज़ाह पर मबनी एक फ़्रांसीसी मैगज़ीन में गुस्ताखाना कार्टून की इशाअत और इस के ज़रीया बानी इस्लाम की सवानिह-ए-हयात का ख़ाका बयान किए जाने की मुज़म्मत और मुसलमानों पर ज़ोर दिया कि वो उस को नजरअंदाज़ करदें।

तुर्की के नायब वज़ीर-ए-आज़म बाक़िर बू सादिक़ के हवाला से अनातूलिया ख़बररसां इदारा ने कहा कि चंद एक इस (गुस्ताख़ी) को इज़हार-ए-ख़्याल का हक़ और आज़ादी तसव्वुर करते हैं। लेकिन दूसरों के मज़हबी एतिक़ाद की तौहीन-ओ-तहक़ीर दरअसल ये इज़हार-ए-ख़्याल की आज़ादी नहीं है।

माज़ी में भी ऐसे ही गुस्ताखाना मवाद की इशाअत के बाद बैन-उल-अक़वामी सतह पर मुसलमानों के ग़म-ओ-ग़ुस्सा और एहतिजाज का सबब बनने वाली मैगज़ीन के ऐडीटर ने इसरार किया है
कि ये एक तालीमी मज़मून था जिस में समाजी उलूम के माहिरीन ने अपने मवाद के ज़राए के तौर पर इस्लामी मतन का इस्तिमाल किया था।