पेरिस, २० सितंबर (ए एफ़ पी) एक ऐसे वक़्त जबकि मलाऊन इसराईली अमरीकी यहूदी फ़िल्मसाज़ की जानिब से बनाई गई गुस्ताखाना फ़िल्म पर सारी दुनिया में हंगामा जारी हैं, फ़्रांस में एक हफ़तावार ने शान ए अक़्दस ( स०अ०व०) में गुस्ताख़ी करते हुए बड़ी बेशर्मी-ओ-बेग़ैरती का मुज़ाहरा ( प्रदर्शन) किया है।
इस वीकली ने अपनी ताज़ा इशाअत ( संस्करण/ release) में गुस्ताखाना कार्टून्स शाय ( प्रदर्शित) किए हैं जिस के बाद इज़हार-ए-ख़्याल की आज़ादी के नाम पर इस्लाम और पैग़ंबर इस्लाम ( स०अ०व०) की शान में की गई गुस्ताख़ी के भयानक नताइज बरामद होने के इमकानात बढ़ गए हैं।
इन गुस्ताखाना कार्टून्स की इशाअत (संस्करण) पर आलम इस्लाम की ब्रहमी ( गुस्सा) और आशक़ान रसूल (स०अ०व०) के जवाबी रद्द-ए-अमल के ख़ौफ़-ओ-दहशत में मुबतला फ़्रांसीसी हुकूमत ने ना सिर्फ सारे मुल्क में सीक्योरिटी सख़्त कर दी है बल्कि दुनिया के तक़रीबन 20 ममालिक में अपने सिफ़ारतख़ानों और स्कूल्स को जुमा के दिन बंद रखने का फ़ैसला किया है।
बताया जाता है की खासतौर पर इन ममालिक में फ़्रांसीसी मिशन पर सिक्योरीटी में ग़ैरमामूली इज़ाफ़ा कर दिया गया है। जहां उन्हें मुसलमानों की शदीद जवाबी रद्द-ए-अमल की उम्मीद है। बताया गया है कि 20 मुख़्तलिफ़ ममालिक में फ़्रांसीसी सिफ़ारतख़ानों, कौंसिल ख़ानों, सक़ाफ़्ती मराकज़ और इंटरनैशनल फ्रेंच स्कूलों को जुमा के दिन बंद रखने का फ़ैसला किया गया है क्योंकि फ़्रांसीसी हुकूमत को अंदाज़ा है की नमाज़ जुमा के बाद मुसलमान इस्लाम दुश्मन ताक़तों के इशारे पर की जा रही गुस्ताख़ियों के ख़िलाफ़ एहितजाजी मुज़ाहिरे ज़रूर करेंगे।
फ़्रांसीसी वज़ीर-ए-ख़ारजा लारनट फ़ाबीट्स ने इस बात का एतराफ़ किया है की इन गुस्ताखाना कार्टून्स की इशाअत ( संस्करण) पर उन्हें इस्लामी दुनिया में जवाबी रद्द-ए-अमल का ख़ौफ़ है, जहां कैलीफोर्निया में तैय्यार करदा गुस्ताखाना-ओ-तौहीन आमेज़ फ़िल्म को इंटरनेट पर पेश किए जाने के बाद पहले ही से ब्रहमी ( गुस्से) की लहर पाई जाती है। शान ए अक़्दस ( स०अ०व०) में गुस्ताख़ी करते हुए कार्टून्स शाय करने वाली मैगज़ीन ( पत्रिका) चार्ली हीबो के दफ़्तर के बाहर काफ़ी तादाद में पुलिस ताय्युनात कर दी गई है।
फ़्रांसीसी हुकूमत ने आज़ादी इज़हार-ए-ख़्याल के नाम पर की जाने वाली मज़हबी तौहीन पर कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ इतना कहा है की कार्टून्स को काबिल एतराज़ समझने वाले अदालत का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं। दूसरी जानिब फ़्रांसीसी मुसलमानों का कहना है की वो मसाजिद में अमन की अपील करेंगे।
ताहम ( यद्वपि/ फिर भी) गुस्ताख मैग्ज़ीन ने शर अंगेज़ कार्टूनस शाय(प्रकाशित) करते हुए अनी ख़बासत (कमीनापन) का जो मुज़ाहरा किया है इस के ख़िलाफ़ मुज़ाहरा भी किया जाय। वाज़िह (याद रहे) रहे कि यूरोप में सब से ज़्यादा मुसलमान फ़्रांस में बस्ते हैं।