फ़्रांस की शामी अपोज़ीशन को निशाना बनाए जाने की तसदीक़

फ़्रांस के वज़ीरे ख़ारजा जैन मार्क एरो का कहना है कि उनको मौसूल होने वाली मालूमात के मुताबिक़ जंग बंदी के बाद शाम में एतेदाल पसंद अपोज़ीशन के ज़ेरे कंट्रोल इलाक़ों को हमलों का निशाना बनाया गया है।

इस ऐलान के बाद फ़्रांस ने शाम में जंग बन्दी से मुताल्लिक़ ख़ुसूसी टास्क फ़ोर्स के हंगामी इजलास का मुतालिबा किया है ताकि फ़ायरबंदी की ख़िलाफ़ वर्ज़ीयों को ज़ेर-ए-बहस लाया जा सके।

दूसरी जानिब जिनेवा में शामी मुज़ाकराती वफ्द के सरब्राह असद अलज़ाबी ने बावर कराया है कि शाम में जंग बंदी अपने आग़ाज़ से क़ब्ल ही ख़त्म हो गई और इस दौरान एतेदाल पसंद अपोज़ीशन के बहुत से इलाक़ों को गैस के ज़रीए निशाना बनाया गया।

उन्होंने वाज़ेह किया कि बशारुल असद की हुकूमत फिर से क्लोरीन गैस का इस्तेमाल कर रही है। अलज़ाबी का ये भी कहना था कि बशार के बाद शामी अपोज़ीशन का सबसे बड़ा मुख़ासिम रूस है और इस पर एतेमाद करना मुम्किन नहीं।

उन्होंने कहा कि रूसी “दहशतगर्द” हैं इसलिए वो मुंसिफ़ का किरदार नहीं अदा कर सकते। अलज़ाबी के मुताबिक़ शामी हुकूमत, ईरान और रूस जंग बंदी नहीं चाहते और ना ही उस की पासदारी करते हैं।