बर्ग, 02 अप्रैल: ( ए पी ) फ़्रांस में मुस्लिम ख़वातीन के निक़ाब-ओ-हिजाब पर सरकारी पाबंदी के सबब इस यूरोपी मुल्क में पहले ही कई मुस्लिम ख़वातीन सरकारी रोज़गार से महरूम हो गई हैं। अब उन्हें ख़ानगी शोबे में मुलाज़मत मिलना भी दुशवार हो जाएगा क्योंकि हुकूमत ने ख़ानगी शोबा में मुलाज़मत करने वाली ख़वातीन के स्कार्फ़ इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी आइद करने का इशारा दिया है ।
फ़्रांसीसी सदर फिरे नकोई हॉलैंड ने कहा है कि अब वो एक नया क़ानून चाहते हैं जिस के तहत सरकारी ख़िदमात की अंजाम दही के मौके पर मज़हबी अलामात के इस्तेमाल पर पहले से आइद इमतिना को ख़ानगी शोबा तक वुसअत दी जा सके । ये फैसला दरअसल एक सयासी रद्द-ए-अमल के तौर पर किया जा रहा है क्योंकि एक सरकरदा अदालत ने एक बहिजाब मुस्लिम ख़ातून की ख़ानगी मुलाज़मत से बरतरफ़ी पर हुकूमत की सरज़निश की थी ।
ऐसा ही वाक़िया पेरिस की मुस्लिम ख़ातून साम्य क़ुदूर का है जो अगरचे सरकारी मुलाज़मत के ख़ाब देखा करती थी लेकिन सरकारी शोबा में हिजाब पर इमतिना के बाद इसका ख़ाब चकनाचूर हो गया और वो ख़ानगी शोबा में मुलाज़मत की ज़रूरतमंद थी लेकिन ऐसा मालूम होता है कि उसको अब ख़ानगी शोबा में मुलाज़मत मिलना भी दुशवार हो जाएगा।
साम्य क़ुदूर ने शुमाली पेरिस के लाबोर्ग इलाक़ा में जारी मुसलमानों की चार रोज़ा सालाना कान्फ्रेंस में अपना मसला पेश किया । ये कान्फ्रेंस आज ख़त्म हो गई जिस में एक लाख 60 हज़ार से ज़ाइद फ़्रांसीसी मुस्लिम मर्द-ओ-ख़वातीन ने शिरकत की थी । ये कान्फ्रेंस यूरोप में मुसलमानों का सब से बड़ा इजतिमा समझी जा रहा है ।