फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुतासिरह ख्वातीन को राहत

रांची 18 अप्रैल : ख्वातीन से मुताल्लिक़ मुआमलात के फौरी अमली काम के लिए बने फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुतासिरिन को राहत मिलने लगी है।

रांची में यह मुल्क का दूसरा फास्ट ट्रैक कोर्ट है। 5 जनवरी, 2013 को फास्ट ट्रैक कोर्ट कायम किया गया था। सालो से पेंडिंग क़त्ल, आबरुरेज़ी, जहेज के लिए जला देना, अगवा जैसी वारदातों से मुतासिरा अफ़राद व उनके परिजन फास्ट ट्रैक कोर्ट जाते हैं।

रोज 35 से 40 केस की कामयाबी : फास्ट ट्रैक कोर्ट में रोजाना ख्वातीन से मुताल्लिक़ 35 से 40 केस आ रहे हैं। रोज मामले की कामयाबी हो रही है। 10 से 12 मामले की रोज फैसला हो रहे हैं। हालांकि, गवाही पूरी नहीं होने की वजह से कुछ केस की समात नहीं हो पा रही है।

किस-किस तरह के मामले आ रहे हैं : जहेज़ के लिए प्रताड़ना, मारपीट, आबरुरेज़ी, अगवा, लड़के की तरफ से जबरदस्ती भगा ले जाना, कत्ल जैसे मामले आ रहे हैं।

40 मुक़दमात में फैसला : फास्ट ट्रैक कोर्ट के कयाम के बाद अब तक 40 मुक़दमात में फैसला सुनाया गया है।इसमें से चार मुजरिमों को सजा भी सुनायी गयी है, जबकि 36 मुल्जिम सबूत के अदम मौजूदगी में बरी किये गये हैं।