फिजिक्स का पर्चा महंगा पड़ा ख़ानगी कॉलेजेस एमसेट टाप रैंकस से महरूम

प्राइवेट कॉलेजेस ग़ालिबान इस साल एमसेट टाप रैंकस से महरूम होंगे । क्यों कि इंटर मिडियट साल दुवम फिजिक्स पर्चा में कॉरपोरेट कॉलेजेस के तलबा-ए-का मुज़ाहरा नाक़िस रहा जब कि रैंकिंग में एंटर के निशानात का 25 फीसद वेटेज होता है । आम तौर पर एमसेट में टाप रैंक के लिए हर कॉरपोरेट कॉलिज दो सौ ता चार सौ तलबा का बयाच तय्यार करता है और इस से अगले तालीमी साल में मज़ीद दाख़िलों के लिए राग़िब करने में मदद मिलती है ।

इस साल फिजिक्स में सिर्फ 650 तलबा ही 60 में से 60 नंबर लाए हैं । जब कि चार लाख सत्तर हज़ार तलबा ने इमतिहान लिखा था और बेशतर कॉरपोरेट कॉलेजेस के तलबा तवक़्क़ो के मुताबिक़ निशानात हासिल नहीं कर सके । ये नाक़िस नतीजा कॉरपोरेट कॉलेजेस के मैनिजमंट के लिए ज़बरदस्त धक्का है ।

ज़राए के मुताबिक़ इन कॉलेजेस की तरफ़ से फिजिक्स में तलबा को रियायती निशानात के लिए सर तोड़ कोशिश की गई कुछ मैनिजमंटस के नुमाइंदे और सरकरदा फैकल्टी अफ़राद टी वी स्टूडीयोज़ पहूंचे और पुर ज़ोर दलायल पेश किये लेकिन पर्चा सवालात में वो किसी ग़लती को साबित नहीं कर सके इन का इल्ज़ाम था कि इंटर मिडियट तालीम बोर्ड ने ब्लूप्रिंट की ख़िलाफ़वरज़ी की जब कि हक़ीक़त ये है कि किसी ब्लू प्रिंट का वजूद नहीं है ।

इंटर मिडियट बोर्ड साल 2008-09 से ब्लू प्रिंट तर्क कर चुका है । इंटर मिडियट साल दुवम नताइज के ऐलान के बाद जो एहतिजाज हुआ उन के पसे पुश्त ख़ानगी कॉलेजेस का इंतिज़ामीया ही है ये एहतिजाज बाअज़ तलबा उन के सरपरस्तों और बाअज़ तनज़ीमों ने किया था ।